tag:blogger.com,1999:blog-83512911124058962722024-03-13T13:03:05.832+05:30e-मददहिन्दी में ब्लॉगिंग के सभी माध्यमों, विधाओं पर मुफ़्त तकनीकी मदद प्रस्तुत करने की एक कोशिश। यहाँ रिकॉर्डिंग कैसे करें, पॉडकास्टिंग कैसे करें, ब्लॉग कैसे बनायें, कम्प्यूटर को हिन्दी में इस्तेमाल करने हेतु सभी तरह की सहायता उपलब्ध है। Hindi blogging tips, podcasting tips, Hindi typing counselling, easiest Hindi bloging, blogger help for Hindi, vlog, video bloging help.. smart blogger site, Technical blog, recording,नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-54672966260909781032011-07-19T13:17:00.002+05:302013-11-17T20:20:17.018+05:30ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि से हिन्दी में टाइप करने का सर्वोत्तम टूल<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि में यूनिकोड-हिन्दी में लिखने वाले लोगों के लिए एक खुशख़बरी है। माइक्रोसाफ्ट ने आईएलआईटी (इंडिक लैंग्वेज इनपुट टूल) नाम से अपना एक उत्पाद ज़ारी किया है, जिसके वेब (केवल ऑनलाइन इस्तेमाल के लिए) और डेस्टटॉप (माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ में किसी भी अनुप्रयोग में ऑफलाइन तथा ऑनलाइन प्रयोग के लिए) दोनों ही संस्करण उपलब्ध हैं। इस टूल में उन सभी समस्याओं से छूटकारा पा लिया गया है जो गूगल आईएमई टूल में मौज़ूद हैं। इस टूल की मदद से हिन्दी के अलावा बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलगू भाषाओं में टाइपिंग की जा सकती है।<br />
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<span style="font-weight: bold;"><span style="color: #4534ff; font-size: 115%;">माइक्रोसाफ्ट आईएलआईटी की खूबियाँ-</span></span><br />
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<img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5630965192045274114" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhTL_k5qnevd__H4gXSdhfFkK2m3JMeoRHpxsXKspLoCq9nMnT-DVNQE7mLky4UUybrIYwDw0vEJnTW-6oLdOpHH6fKkQE9lUu9IZrotsXa2jbXYM4nB2Vf4BcKyDi1bOVn6NSQA857cIU/s200/ILIT_01.jpg" style="cursor: hand; cursor: pointer; float: right; height: 200px; margin: 0 0 10px 10px; width: 137px;" />1) यह डाउनलोड करने में बहुत सरल है और इसके सेट-अप को एक बार डाउनलोड करके कई कम्प्यूटर मशीनों पर संस्थापित किया जा सकता है। (गूगल का सेट-अप यह सुविधा सीधे तौर पर प्रदान नहीं करता। यद्यपि इसका एक जुगाड़ ई-पंडित ने लिखा है)।<br />
2) <a href="http://emadad.hindyugm.com/2009/12/google-ime-easy-hindi-typing.html">गूगल आईएमई</a> की भाँति यह टूल भी आपकी पसंदों को याद रखता है और अगली बार निश्चित अक्षरयुग्मों से वहीं परिणाम देता है, जो आप चाहते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप karan टाइप करें तो पहले विकल्प के तौर पर यह आपको ‘कारण’ दिखायेगा, लेकिन मान लीजिए आप अंग्रेजी के इन अक्षरों से ‘कारण’ की जगह ‘करण’ या ‘करन’ लिखना चाहते हैं, तो एरो-की या माउस से अपना वांछित शब्द चुनें, अगली बार आप जब भी आप इस टूल से अपने सिस्टम पर karan टाइप करेंगे, तो यह आपकी पसंद को ध्यान में रखते हुए परिणाम देगा। घबराए नहीं, यदि आप उसके बाद अपनी पसंद में हेर-फेर भी करना चाहें, तो कर सकते हैं।<br />
<img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5630965192248694498" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2t3mKTrRnu1-5jcq8V7uLGLgahdQua38h0aps0DJMDBpJG0lyFbWpgyH9AXAU8YZqLH9zsfl_sOne_FhxHK3Ek9-KKgCB0U1I9RDSed1jX5_LsMF5IoLTV8VC8HE1_4cWj9ykVq4dQ8E/s200/ILIT_02.jpg" style="cursor: hand; cursor: pointer; float: right; margin: 0 0 10px 10px; width: 235px;" /><span style="font-weight: bold;">3) अंतरराष्ट्रीय अंक-प्रणालीः</span> हिन्दी के ज्यादातर टाइपिंग टूलों की एक समस्या यह है कि वे अंकों को हिन्दी अंकों के रूप में प्रदर्शित करते हैं, जबकि भारतीय अंक प्रणाली, जिसे दुनिया भर में इंडो-अरैबिक अंकीय प्रणाली के नाम से भी जाना जाता है, को अंतरराष्ट्रीय मानक के तौर पर स्वीकार किया जा चुका है। लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि हिन्दी टाइपिंग टूलों में पुराने स्थानीय अंकीय प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता रहा है। गूगल आईएमई भी हिन्दी अंकों का ही इस्तेमाल करता है। लेकिन माइक्रोसाफ्ट के इस टूल में अंकों के अंतरराष्ट्रीय स्वरूपों को ही पहली प्राथमिकता दी गई है। लेकिन यदि आप पुरानी अंकीय प्रणाली ही पसंद करते हैं तो दूसरे विकल्प के तौर पर वह भी मौज़ूद है। आप अंकों के लिए केवल एक बार अपनी पसंद निर्धारित कर लें तो यह आगे से अंकों को आपकी पसंद के हिसाब से वैयक्तिक करेगा। आप विकल्प में जाकर हमेशा के लिए अंकों को प्रदर्शित करने की अपनी पसंद भी निर्धारित कर सकते हैं।<br />
<img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5630965197942693618" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjRGHbAXeymCPIY-kY0b8HRKm5ArjD915sNhh1kGlyTdbp_dsZDYp8n5d01aACsZC9AnzlZ5PLUTxNI-xzalWT6Jp0FxLQp3vXgGOv3vMj_TtW0P-j8s5iG0EP6DjSh1Gy_0_47TaW5X0/s200/ILIT_03.jpg" style="cursor: hand; cursor: pointer; float: right; height: 140px; margin: 0 0 10px 10px; width: 153px;" /><span style="font-weight: bold;">4) पूर्ण विराम (डंडा या खड़ी पाई) की उपस्थितिः</span> हिन्दी कम्प्यूटिंग के यदि वेब-संसार को देखें तो हिन्दी टाइपिंग की एक नई परम्परा विकसित होती दिखायी पड़ती है। हिन्दी के पूर्ण विराम के स्थान पर अंग्रेजी का डॉट (.) या फुल स्टॉप का प्रयोग बहुतायत हो रहा है। बहुत सी प्रतिष्ठित ई-पत्रिकाएँ भी इस परम्परा की पोषक रही हैं। असल में हिन्दी टाइपिंग में यह चलन इसलिए भी चल पड़ा है, क्योंकि हिन्दी टाइपिंग का अधिकतम प्रचलित टूल गूगल आईएमई हिन्दी पूर्ण विराम (डंडा) टाइप करने का विकल्प प्रदान नहीं करता। जहाँ तक मेरी जानकारी है लगभग सभी ऑनलाइन टाइपिंग टूलों (यूनिनागरी को छोड़कर) में हिन्दी पूर्ण विराम का चिह्न अनुपस्थित है। ऑफलाइन टाइपिग टूलों जैसे- बरह, माइक्रोसॉफ्ट इंडिक आईएमई, हिन्दी टूल किट, कैफेहिन्दी इत्यादि में यह सुविधा उपलब्ध है। माइक्रोसॉफ्ट का यह टूल पूर्ण विराम के चिह्न से लैश है। जैसे ही आप डॉट टाइप करेंगे यह टूल उसे ‘।‘ में बदल देगा। यद्यपि यह . का विकल्प भी देगा।<br />
<img alt="" border="0" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5630965199795229538" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi9bp01yiV8kUySQh6MqXbSd_s5u6pgsAj0LakBLeQGxfLypYeRYa4fCXsbxYzPJOkhACjA-9WOuCGtu_3tMP8YmN1KP48HV2uzLX6OCyBP_XQaJgyEqQZa78Fjvjs8DDBmsjfLOCcC4Yk/s200/ILIT_04.jpg" style="cursor: hand; cursor: pointer; float: right; height: 166px; margin: 0 0 10px 10px; width: 133px;" /><span style="font-weight: bold;">5) अंग्रेजी शब्द-संक्षेपों को देवनागरी में लिखनाः</span> इस टूल का यह बहुत खास फीचर है। अभी तक सभी लिप्यांतरण टूलों से अंग्रेजी के शब्द-संक्षेपों (संक्षेपाक्षरों) को देवनागरी में लिखने में बहुत अधिक असुविधा होती थी। जैसे मान लें कि आपको WHO, RBI, IIT, IIM इत्यादि को देवनागरी में लिखना है, आप इस टूल से जैसे ही किसी अक्षरयुग्म को पूरा का पूरा कैपिटल लैटर्स में टाइप करेंगे, यह टूल आपको पहले विकल्प के तौर पर उस शब्द-संक्षेप का देवनागरी संस्करण प्रदान करेगा। <br />
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<span style="font-weight: bold;"><span style="color: #4534ff; font-size: 115%;">अपने सिस्टम में इस टूल को इंस्टॉल कैसे करें</span></span><br />
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सबसे पहले अपने वेबब्राउजर में <a href="http://www.bhashaindia.com/ilit/">http://www.bhashaindia.com/ilit/</a> लिंक खोलें। अब आपको यहाँ तीन विकल्प मिलेंगे। पहला रास्ता तो यह है कि आप वहाँ बने टाइपिंग बॉक्स में रोमन में हिन्दी में लिखना शुरू करें और कॉपी-पेस्ट विधि से जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ इस्तेमाल करें।<br />
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आप चाहें तो इस टूल का मात्र वेब-संस्करण ही इंस्टॉल करके काम चला सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। उपर्युक्त लिंक-पेज़ पर उपलब्ध ‘Install Web Version’ बटन पर क्लिक करें और निर्देशों का पालन करें। आप लगभग सभी प्रचलित ब्राउजरों में इसे इंस्टॉल कर सकते हैं।<br />
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यदि आप इस टूल का प्रयोग विंडोज़ के सभी अनुप्रयोगों में करना चाहते हैं तो ‘Install Desktop Version’ पर क्लिक करें। यह टूल विंडोज़ 7, विडोंज़ विस्टा या विंडोज़ एक्स पी SP2+ (32-bit) में से किसी भी सिस्टम में संस्थापित किया जा सकता है। आपके कम्प्यूटर में कम से कम 512 MB का RAM होना ज़रूरी है, और साथ ही साथ 1 GHz 32-bit (x86) या 64-bit (x64) प्रोसेसर होना चाहिए।<br />
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<span style="font-weight: bold;">XP प्रयोक्ताओं के लिए</span><br />
यदि आपके सिस्टम में पहले से Microsoft .Net Framework 2.0 और Mircosoft Windows Installer 3.1 नहीं हैं, तो इस टूल का सेट-अप पहले इन्हें डाउनलोड करके इंस्टॉल करेगा। आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, ये काम यह टूल स्वयं कर लेगा। इन दोनों के इंस्टॉल होने के बाद आपका सिस्टम अपने आप रिस्टार्ट होगा। इसके बाद सेट-अप अपने आप चलेगा और इंस्टॉलेशन पूरा होगा। रिस्टार्ट होने के बाद यदि सेट-अप अपने आप नहीं चालू होता, तो उसे मैनुअली चलाएँ। अतः आपको सलाह दी जाती है कि जब आप इस टूल का सेट-अप डाउनलोड करें, तो सीधे ‘Run’ पर क्लिक करने की बजाय, ‘Save’ पर क्लिक करें।<br />
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इंस्टॉलेशन के बाद अलग-अलग मशीनों में इसे किस तरह से संचालित किया जाय, इसका सचित्र विवरण इस <a href="http://www.bhashaindia.com/_layouts/ilit/GettingStarted.aspx?languageName=Hindi&redir=true&postInstall=false#WindowsXP" target="_blank">टूल की वेबसाइट</a> पर उपलब्ध है। फिर भी यदि आप इस टूल को इंस्टॉल करने में किसी प्रकार की असुविधा का अनुभव करें तो मुझे लिखें, मैं उस ट्यूटोरिल को सरल भाषा में लिखने का प्रयास करूँगा।</div>
शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com93tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-63511726787942487082010-10-28T11:41:00.003+05:302010-10-28T11:44:22.784+05:30चैट करके जानिए अंग्रेजी शब्दों के हिन्दी अर्थ<img src="http://i773.photobucket.com/albums/yy11/hindyugm/eng-hindi-bot.jpg" align="right">जी हाँ,<br />तकनीक के जमाने में कुछ भी सम्भव है। आप इस चैटर शब्दकोश को जिसे इंटरनेट बॉट के माध्यम से विकसित किया गया है, अपनी मित्र-सूची में जोड़कर अंग्रेजी शब्द को संदेश की तरह भेजेंगे, अगले ही पल वह जवाब में उस शब्द का हिंदी अर्थ और अंग्रेजी वाक्य-प्रयोग भेज देगा। हममें से अधिकांश लोग ऐसे हैं जो अपने मित्रों से त्वरित बातचीत के लिए किसी मैसेंजर (जैसे गूगल टॉक, याहू मैसेंजर, रेडिफबॉल, MSN मैसेंजर इत्यादि) का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यह बहुत उपयोगी यूटिलिटी है। बहुत से प्रयोक्ता ऐसे हैं जो इंटरनेट पर कुछ पढ़ रहे होते हैं और अचानक ही उनको एक ऐसा शब्द मिलता है जिसका वो मतलब नहीं जानते, तो अपने इस बॉट मित्र से उसका हिंदी अर्थ पूछ सकते हैं। आप अपने मैसेंजर में <a href="mailto:eng.hin.dict@jabber.org">eng.hin.dict@jabber.org</a> को जोड़ें और अंग्रेजी-से-हिन्दी में शब्दार्थ पूछें।<br /><br />इस बॉट को <b>संतोष थोट्टिंगल, इरशाद, रागसागर</b> और <b>सरत लक्ष्मण</b> ने विकसित किया है।<br /><br /><b><span class="Apple-style-span" >बॉट्स क्या हैं-</span></b> बॉट्स कम्प्यूटर प्रोग्रैम हैं जो किसी प्रयोक्ता या अन्य कम्प्यूटर प्रोग्रेम के लिए एक आभासी प्रतिनिधि की तरह काम करते हैं और मानवीय व्यवहार करते हैं। इंटरनेट की दुनिया में सबसे अधिक व्यापक बॉट स्पाइडर और क्रॉवलर हैं जो सर्च-इंजनों के लिए दुनिया भर की वेबसाइटों की सामग्रियों की इंडेक्सिंग (सूची बनाना) करते हैं।<br /><br /><b>चैटरबॉट</b> उस तरह का प्रोग्रेम हैं जो प्रयोक्ताओं से व्यक्ति की तरह बात करता है। एलिजा इंटरनेट की दुनिया का सबसे अधिक प्रसिद्ध चैटरबॉट है जो एक मनोचिकित्सक का अभिनय करता है और लोगों के प्रश्नों के उत्तर देता है।<br /><br />एक <span style="font-weight:bold;">शॉपबॉट</span> वेब पर आपके लिए शॉपिंग (खरीददारी) करता है और आपके लिए आपके बजट में सर्वश्रेष्ठ सामान की जानकारी देता है।<br /><br /><b>नॉबॉट</b> आपके लिए www की दुनिया से आपकी आवश्यकतानुसार जानकारियाँ इकट्ठी करता है और आपको देता है।<br /><br /><b><span class="Apple-style-span" >सीमाएँ-</span></b><br />1) यह बॉट Freedict-Eng-Hin Dict Protocol आधारित शब्दकोश पर काम कर रहा है। इसका डॉटाबेस बहुत छोटा है। बहुत से ज़रूरी शब्दों के अर्थ भी यह नहीं बता पाता। आप खुद जाँच सकते हैं।<br /><br /><b>सुझाव-</b> इस टीम को <a href="http://www.google.com/dictionary">गूगल डिक्शनरी</a> या <a href="http://www.shabdkosh.com">शब्दकोश डॉट कॉम</a> के डाटाबेस इस्तेमाल करने का प्रयास करना चाहिए। हो सकता कि गूगल अपना डाटाबेस एक्सेस करने को न दे, लेकिन शब्दकोश डॉट कॉम से मिलने की सम्भवाना है।<br /><br />2) आपको अर्थ जानने के लिए चैट बॉक्स में ही टाइप या पेस्ट करना पड़ता है। गूगल डिक्शनकरी का <a href="https://chrome.google.com/extensions/detail/mgijmajocgfcbeboacabfgobmjgjcoja">क्रोम-विस्तार</a> (extension) किसी भी वेब पेज पर कहीं भी किसी भी शब्द पर क्लिक करने से उसका शब्दकोश-अर्थ देता है। हालाँकि इसमें अभी हिन्दी शामिल नहीं है। लेकिन चूँकि गूगल डिक्शनरी में हिन्दी शामिल है, इसलिए आने वाले समय में गूगल यह सुविधा हिन्दी के लिए भी दे देगा।<br /><br />फिर भी, मुझे उम्मीद है कि आप इस बॉटशब्दकोश का लाभ उठायेंगे।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com25tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-74887986048423125392010-04-17T17:49:00.004+05:302010-10-21T10:58:49.833+05:30कृतिदेव 010 से यूनिकोड से कृतिदेव 010 परिवर्तकयूनिकोड में टाइपिंग पद्धति के इतना सरल और प्रचलित होने जाने के बावजूद भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो पुराने फॉन्टों में ही हिन्दी टाइपिंग करना पसंद करते हैं। जबकि वे आईएमई जैसे उपकरणों की मदद से बिलकुल उसी तरीके से सीधे यूनिकोड में टाइप कर सकते हैं, जैसे वे अब तक टाइप करते रहे हैं। लेकिन फिर भी प्रिटिंग में अभी भी पुराने फॉन्टों का ही प्रयोग हो रहा है, इसलिए भी हम अभी तक इन फॉन्टों को छोड़ नहीं पाये हैं। चूँकि एडोब पेजमेकर, क्वार्क एक्सप्रेस, कोरेल ड्रॉ, फोटोशॉप इत्यादि डिजाइनिंग और प्रिटिंग के सॉफ्टवेयरों में हिन्दी (यूनिकोड) का सपोर्ट उपलब्ध न होने की वजह से हम उसी पुराने फॉन्टों की शरण में जाते हैं, जिन्हें हम ताम-झाम से भरा तरीका मान सकते हैं। पिछले 2-3 सालों में मंगल के अलावा कई और यूनिकोड के फॉन्टों का चलन शुरू हुआ है (जैसे- अपराजिता, गार्गी इत्यादी), जो मंगल और Arial Unicode MS जैसे फोन्टों से अधिक सुंदर और प्रखर हैं, फिर भी अपने लेखों को सुंदर-सुंदर फॉन्टों में देख चुके लेखकों/प्रकाशकों को ये पर्याप्त नहीं लगते। दूसरी परेशानी यह भी है कि कोरेल ड्रॉ और पेजमेकर इत्यादि सॉफ्टवेयरों के नये संस्करणों में यूनिकोड के सपोर्ट के आ जाने के बावजूद भी इनमें भारतीय भाषाओं के यूनिकोड पाठों के लिए पूर्णतया सपोर्ट नहीं बन पाया है। बाजार के जानकार इसका प्रमुख कारण भारत में गैरलाइसेंसी या पायरेटेड साफ्टवेयरों के उपयोग के चलन को मानते हैं। मैंने कुछ ऐसी वेबसाइटें देखी हैं, जहाँ यूनिकोड करैक्टरों को यूटिलिटी के द्वारा कोरेल ड्रॉ, फोटोशॉफ इत्यादि सॉफ्टवेयरों में किसी भी पुराने फॉन्टों (जैसे कृतिदेव, चाणक्या, शिवा इत्यादि)जैसा दिखाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल यह यूटिलिटि रु 5000 से भी ज्यादा की है और इसके पायरेटेड संस्करण का भी चलन शुरू नहीं हो पाया है, इसलिए इस विकल्प के बारे में कम ही प्रयोक्ता विचार कर रहे हैं।<br />
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मोटे तौर पर कहा जाये तो ऐसी यूटिलिटियों की ज़रूरत है जो निःशुल्क हमें यूनिकोड पाठ को किसी पुराने फॉन्ट में और उस फॉन्ट के पाठ को यूनिकोड पाठ में बदलने की सुविधा दें। और निस्संदेह यह सुविधा हिन्दी की बहुत सी साइटों पर उपलब्ध है। लेकिन हिन्दी के तकनीकजीवी ब्लॉगरों यथा <span style="font-weight:bold;">नारायण प्रसाद, अनुनाद सिंह, रवि रतलामी</span> आदि द्वारा संचालित गूगल समूह <a href="http://groups.google.com/group/technical-hindi">Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी)</a> में जो कंवर्टर (परिवर्तित्र) उपलब्ध हैं, वो 99 प्रतिशत शुद्धता के साथ परिवर्तन करते हैं। मेरा ख्याल है कि मैंने हिन्दी की वेबसाइटों पर उपलब्ध लगभग सभी परिवर्तकों को आजमाया होगा, लेकिन इतनी शुद्धता से परिवर्तन करने वाले टूल मुझे कहीं और नहीं मिले।<br />
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मैं पिछले साल से ही इस फिराक में था कि लाभार्थियों को यह टूल उपलब्ध कराऊँ और इसके लिए मैंने इस समूह के सक्रियतम सदस्य अनुनाद सिंह से इस संदर्भ में बातचीत भी की और उन्होंने मुझे इस काम के लिए प्रोत्साहित भी किया, लेकिन मैं अब जाकर यह निश्चय कर पाया कि मैं 1-1 कन्वर्टर के बारे में लिखूँ ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी मिल सके। खैर देर आयद, दुरुस्त आयद!<br />
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इसलिए आज मैं हिन्दी के सबसे अधिक लोकप्रिय फॉन्ट कृतिदेव010 से शुरुआत कर रहा हूँ। नीचे दिये गये कंवर्टर से आप कृतिदेव 010, कृतिदेव 0100, कृतिपैड फॉन्ट फेमिली, शिवा नॉर्मल और मीडियम, वाक्मैन-चाणक्या फेमिली, आगोलू, आगरा, अकबर, आनंद इत्यादि फॉन्टों के पाठों को यूनिकोड में और यूनिकोड पाठों को ऊपर वर्णित फॉन्टों में बदल सकते हैं। हालाँकि यह परिवर्तक कृतिदेव010 फॉन्ट के लिए ही अनुकूलित (Optimized) हैं।<br />
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धीरे-धीरे हम लगभग सभी फॉन्टों के परिवर्तक को आपके लिए लेकर आयेंगे। फिर भी आप किसी विशेष फॉन्ट का परिवर्तक बनाने के लिए निवेदन कर सकते हैं। अपना निवेदन (फॉन्ट के साथ) emadad@hindyugm.com पर भेजें।<br />
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नीचे दिये गये परिवर्तक को बनाने का काम नारायण प्रसाद को जाता है। <br />
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<span style="font-weight:bold;">कृपया ध्यान दें- परिवर्तन से पहले कृतिदेव 010 के पाठ में से सीधे उद्धहरण (यानी '' और "" उद्धहरण चिह्नों ने भीतर बंद पाठ) को स्मार्ट उद्धहरण (यानी ‘ ’ और “” उद्धहरण चिह्नों के भीतर बंद पाठ) में बदलें।</span><br />
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आप MS Word, Wordpad, Notepad, Corel Dra\w, Pagemaker आदि स्रोतों से कृतिदेव010 फॉन्ट में लिखे गये फॉन्ट को कॉपी करें और नीचे दिये गये पहले बाक्स में पेस्ट करें और <span style="font-weight:bold;">'यूनिकोड में बदले'</span> का बदन दबायें। नीचे के दूसरे बॉक्स में आपको अगले ही पल यूनिकोड में बदल चुका पाठ नज़र आयेगा।<br />
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यदि आप यूनिकोड पाठ को कृतिदेव010 में बदलना चाहते हैं तो कहीं और टंकित यूनिकोड फॉन्ट को नीचे दिये गये दूसरे फॉन्ट में पेस्ट करें या वहीं यूनिकोड में टाइप करें और उसके बाद <span style="font-weight:bold;">'कृतिदेव010 में बदलें'</span> का बटन दबायें। इसके ऊपर के बॉक्स में आपको कृतिदेव010 में बदल चुका टेक्सट मिलेगा। इस टेक्सट को कॉपी करें और वांछित स्थान पर पेस्ट करके, पहले पूरा टेकस्ट चुनें, उसके बाद कृतिदेव010 फॉन्ट चुन लें।<br />
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<iframe frameBorder="0" width="100%" height="500px" src="http://www.hindyugm.com/converter/Krutidev010-to-Unicode-to-Krutidev010-Converter.htm">आपका ब्राउजर IFRAME को सपोर्ट नहीं करता</iframe>शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com48tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-50891049903485200822009-12-19T17:30:00.005+05:302009-12-20T10:43:16.060+05:30गूगल IME - हिन्दी में टाइप करने का सरलतम साधनआज से लगभग दो वर्ष पहले जब मैं लोगों को ऑनलाइन हिन्दी टाइपिंग टूल के बारे में बताता था तो सबसे पहले <a href="http://www.google.com/transliterate/indic" target="_blank">गूगल का ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) टूल</a> के बारे में बताता था। और ऐसे लोगों को जो कि पहली बार हिन्दी में टाइप कर रहे होते थे, उन्हें सबसे अधिक यही टूल पसंद भी आता था।<br /><br />लेकिन इस <span style="font-weight:bold;">टूल की अपनी सीमाएँ</span> हैं-<br />1) इंटरनेट कनैक्शन के लगातार बने रहने पर ही यह काम करता है।<br />2) इंटरनेट कनैक्शन सतत नहीं है, या आप डायल-अप कनैक्शन के उपभोक्ता हैं तो बहुत सम्भव है कि कई शब्द रोमन से देवनागरी में बदले ही ना।<br />3) और जबसे गूगल ने <a href="http://t13n.googlecode.com/svn/trunk/blet/docs/help_hi.html" target="_blank">गूगल ट्रांसलिटरेशन बुकमार्कलेट</a> ज़ारी किया तब से इनका अजाक्स फीचर और भी दुखदायी हो गया है।<br /><br />मुझे याद है यूनिप्रशिक्षण के दौरान कम से कम 500 प्रशिक्षुओं ने मुझसे पूछा होगा कि गूगल की यह सुविधा ऑफलाइन इस्तेमाल के लिए नहीं मिल सकती? मैं कहता कि मैं तो इन सुविधाओं का प्रचारक हूँ, बनाने वाला होता तो ज़रूर बना चुका होता। इस संदर्भ मैंने गूगल-दरबार में 1-2 बार गुहार भी लगाई। खैर उन गुहारों का असर तो नहीं हुआ लेकिन बाज़ार का असर हुआ। माइक्रोसाफ्ट द्वारा हिन्दी के अतिरिक्त कई अन्य भारतीय भाषाओं में आईएमई(इनपुट मेथड एडीटर) ज़ारी किये जाने के बाद शायद प्रतिस्पर्धा का ही परिणाम था कि गूगल ने अपना आईएमई टूल जारी कर दिया।<br /><br />हाँ, तो मैं इस खुशख़बरी के साथ हाज़िर हूँ कि यदि आप गूगल के ट्रांसलिटरेशन टूल के साथ बने रहना चाहते हैं लेकिन किसी ऑनलाइन बाक्स, ऑरकुट, जीमेल में टाइप करने के ताम-झाम से बचना चाहते हैं तो गूगल ने अपना ट्रांसलिटरेशन आईएमई टूल ज़ारी कर दिया है। गूगल ने यह टूल एक साथ 14 भाषाओं (<span style="font-weight:bold;">अरबी, फ़ारसी (पर्सियन), ग्रीक, बंगाली, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, तमिल, तेलगू</span> और <span style="font-weight:bold;">ऊर्दू</span>) में टाइप करने के लिए ज़ारी किया है। मैं यह ट्यूटोरियल हिन्दी के IME टूल के लिए तैयार कर रहा हूँ।<br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="font-size:large;"><span class="Apple-style-span" style="color:#CC6600;">क्या खा़स है इस टूल में-</span></span></b><br /><br />1) <b>इंटरनेट कनैक्शन की कोई आवश्यकता नहीं-</b> आप एक बार इंस्टॉल कर लें, फिर आपके पास इंटरनेट कनैक्शन हो या न हो, कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।<br />2) <b>आसान कीबोर्ड-</b> गूगल के इस टूल से लोगों की यह भी शिकायत रहती थीं कि वे हिन्दी के चालू शब्द तो टाइप कर लेते थे, लेकिन कई संस्कृतनिष्ठ शब्द नहीं टाइप हो पाते थे। जैसे बहुत कोशिशों के बाद भी 'हृदय' लिखना मुश्किल होता था, 'ह्रदय' से ही काम चलाना पड़ता था। जो लोग इस टूल का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इस टूल की सीमाओं का पता है। अब नये IME में गूगल ने एक कीबोर्ड दिया है, जिसकी मदद से आप दुर्लभ और जटिल शब्द भी टाइप कर सकते हैं।<br />3) <b>शब्दों की पूर्ति-</b> इसमें शब्दकोश आधारित शब्द पूर्ति पद्धति सक्रिय है। इसकी मदद से टाइप करने वाले को यह आसानी होती है कि जैसे ही वह किसी शब्द के 2-3 अक्षर टाइप करता है, गूगल का यह सिस्टम इससे बन सकने वाले शब्दों का सुझाव देने लगता है। जैसे- 'हिन्दी' लिखना है, hi टाइप करते ही 'हिन्दी' का विकल्प प्रदर्शित हो जाता है।<br />4) <b>खोज का विकल्प-</b> इस टूल के साथ हर शब्द, शब्द-युग्म और सम्भावित शब्द के नीचे एक तीरनुमा आकृति बनी है, जिसपर क्लिक करने से Search (खोज) का विकल्प आता है, उसपर क्लिक करते ही गूगल उस शब्द से संबंधित खोज परिणाम प्रदर्शित करने लगता है। टाइपिंग पट्टी के ऊपरी दायें कोने में भी गूगल का ऑइकॉन है, जिसपर क्लिक करके गूगल-सर्च किया जा सकता है। इस विकल्प के जुड़े रहने से देवनागरी-सर्च को भी बढ़ावा मिलेगा।<br />5) <b>वैयक्तिक चयन-</b> गूगल का यह टूल आप द्वारा किये गये संशोधनों को भी अपने ध्यान में रखता है और अगली बार आपके रोमन अक्षरयुग्मों से उन्हीं शब्दों का सुझाव देता है जो आप द्वारा वांछित है। जैसे आप 'kam' से 'काम' की जगह 'कम' लिखना चाहते हैं तो अगली बार से यह आपकी पसंद का ख्याल रखता है।<br />6) <b>सुखद अनुकूलन-</b> गूगल इस टूल में फॉन्ट चयन, साइच चयन का विकल्प भी प्रदान करता है, जिससे आप अपनी पसंद के स्टाइल में टाइपिंग कर सकें।<br /><br />अब इतना जान लेने के बाद आप यह ज़रूर जानना चाहेंगे कि इसे आप अपने सिस्टम में <b>संस्थापित (इंस्टॉल)</b> कैसे करें।<br /><br />1) <a href="http://www.hindyugm.com/Script/googlehindiinputsetup.exe">यहाँ क्लिक करके</a> इसका सेट-अप डाउनलोड करें (आप चाहें तो इस टूल के <a href="http://www.google.com/ime/transliteration/" target="_blank">अधिकारिक पृष्ठ</a> पर जाकर भी सेट-अप डाउनलोड कर सकते है)।<br />2) एक ही क्लाइंट मशीन पर एक से अधिक भाषाओं का IME सेट-अप चलाया जा सकता है।<br />3) यह टूल Windows 7/Vista/XP 32-bit ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ काम करता है।<br />4) जब इंस्टॉलर डाउनलोड हो जाये तो उसे चलायें। यह कुछ डाउनलोड करने की शुरूआत करेगा।<br />5) नियम व शर्तों को स्वीकार करें-<br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/install_1.png" /><br />6) गूगल इनपुट सेट-अप इंस्टॉल हो रहा है-<br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/install_2.png" /><br />7) फिनिश बटन पर क्लिक करके इंस्टॉलेशन विज़ार्ड से बाहर आयें-<br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/install_3.png" /><br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="color:#CC6600;"><span class="Apple-style-span" style="font-size:large;">विन्यास (कन्फिगरेशन)</span></span></b><br /><br />आप यदि इस टूल को चलाना चाहते हैं तो पहले तो आपके सिस्टम में यूनिकोड का सपोर्ट इंस्टॉल होना चाहिए। इसके लिए आप <span style="font-weight:bold;">Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Install files for complex scripts and right to left languages</span> और <span style="font-weight:bold;">Install files for East Asian languages</span> दोनों को चेक्ड करके इंस्टॉलर सीडी द्वारा इंस्टॉल करें। इसके बाद आपके टूलबार में भाषा का विकल्प दिखने लगेगा। भाषा के इस विकल्प को लैंग्वेज बार भी कहते हैं।<br /><br />यदि लैंग्वेज-बार न दिखे तो।<br />डेस्कटॉप पर राइट क्लिक करें (दायाँ क्लिक करें) और टूलबार में जायें और निम्नलिखित चित्र की भाँति लैंग्वेज़ बार इनेबल करें।<br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/language_bar.png" /><br /><br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="font-size:large;"><span class="Apple-style-span" style="color:#CC6600;">यदि फिर भी लैंग्वेज बार नहीं दिखता तो निम्नलिखित तरीके से लैंग्वेज बार दिखायें-</span></span></b><br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="color:#006600;">Windows 7/Vista</span></b><br /><ol><li>Control Panel -> Regional and Language Options -> Keyboard and Languages tab</li><li>Text services and input languages dialog खोलने के लिए Change keyboards पर क्लिक करें।</li><li>Language Bar tab पर क्लिक करें</li><li>लैंग्वेज़ बार वर्ग से Docked in the taskbar रेडियो बटन को इनेबल (सक्रिय) करें।</li><li>उपर्युक्त सभी सेटिंग को इप्लाई करें और देखने की कोशिश करें कि आपके टूलबार में लैंग्वेज बार देखें।</li></ol><br /><span class="Apple-style-span" style="color:#006600;"><b>Windows XP</b></span><br /><ol><li>जायें-Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Text services and input languages (Details) -> Advanced Tab</li><li>यह सुनिश्चित कीजिए कि System configuration विकल्प के अंतर्गत Turn off advanced text services चेक्ड नहीं है।</li><li>जायें- Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Text services and input languages (Details) -> Settings Tab</li><li>Language Bar पर क्लिक करें</li><li>Show the Language bar on the desktop चुनें और OK पर क्लिक करें।</li></ol><br /><span class="Apple-style-span" style="color:#CC6600;"><b><span class="Apple-style-span" style="font-size:large;">IME का Shortcut कैसे सक्रिय करें-</span></b></span><br /><br />हालाँकि आप लैंग्वेज बार से अंग्रेजी और हिन्दी को बारी-बारी से चुनकर दोनों भाषाओं के बीच टॉगल कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपने कीबर्ड से कोई शार्टकर्ट का इस्तेमाल करके किसी भी अनुप्रयोग में इसे चलाना चाहते हैं तो निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं-<br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="color:#006600;">Windows 7/Vista</span></b><br /><ol><br /><li><span style="font-weight:bold;">Control Panel -> Regional and Language Options -> Keyboard and Languages tab</span></li><br /><li><span style="font-weight:bold;">Text services and input languages</span> dialog खोलने के लिए <span style="font-weight:bold;">Change keyboards...</span> बटन पर क्लिक करें। </li><br /><li><span style="font-weight:bold;">Advanced Key Settings</span> tab खोजें और इसपर क्लिक करें। </li><br /><li>यदि <span style="font-weight:bold;">Google <language> Input</span> उस लिस्ट में नहीं है तो <span style="font-weight:bold;">Add</span> पर क्लिक करें। <span style="font-weight:bold;">Add Input language</span> dialog box में भाषा विकल्प में हिन्दी और कीबोर्ड में <span style="font-weight:bold;">Google <language> Input</span> चुनें।</language></language></li><br /><li><span style="font-weight:bold;">Hot keys for input languages</span> वर्ग में <span style="font-weight:bold;"><language> - Google <language> Input</span> पर जायें।</language></language></li><br /><li><span style="font-weight:bold;">Change Key Sequence</span> दबायें</li><br /><li><span style="font-weight:bold;">Enable Key Sequence</span> चुनें</li><br /><li><span style="font-weight:bold;">Left ALT + SHIFT + Key 1</span> जैसा कोई विकल्प चुनें।</li><br /><li>ऊपर्युक्त सभी सेटिंग को एप्लाई करें।</li><br /><li>अब नोटपैड, वर्डपैड जैसे किसी अनुप्रयोग को खोलकर यह चेक करें कि शॉर्टकर्ट काम कर रहा है या नहीं। <span style="font-weight:bold;">Left ALT + SHIFT + Key 1</span> दबायें और देखें कि हिन्दी में लिख पा रहे हैं या नहीं।</li></ol><language><language><language><language><br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="color:#006600;">Windows XP</span></b><br /><br /><ol><br /><li>Control Panel -> Regional and Language Options -> Languages tab -> Text services and input languages (Details) -> Settings Tab</li><li>यदि <language> या Google <language> Installed Services बॉक्स में भाषा के रूप में नहीं जुड़ा है, तो Add पर क्लिक करके Add Input language dialog box खोलें Input language में <language> जोड़े और Keyboard layout/IME में Google <language> Input चुनें। OK पर क्लिक करें।</language></language></language></language></li><li>Key Settings पर क्लिक करें।</li><li>Hot keys for input languages में Switch to <language>-Google <language> Input चुनें</language></language></li><li>Change Key Sequence पर क्लिक करें</li><li>Enable Key Sequence चुनें</li><li>Left ALT + SHIFT + Key 1 जैसा कोई विकल्प चुनें।</li><li>ऊपर्युक्त सभी सेटिंग को एप्लाई करें।</li><li>अब नोटपैड, वर्डपैड जैसे किसी अनुप्रयोग को खोलकर यह चेक करें कि शॉर्टकर्ट काम कर रहा है या नहीं। Left ALT + SHIFT + Key 1 दबायें और देखें कि हिन्दी में लिख पा रहे हैं या नहीं।</li></ol></language></language></language></language><br /><br /><b><span class="Apple-style-span" style="color:#CC6600;"><span class="Apple-style-span" style="font-size: large;">फीचर-</span></span></b><br /><br />मैं इसके बहुत से फीचरों के बारे में पहले ही बता चुका हूँ। एक बार चित्र के मध्यम से देखते हैं-<br /><br /><span style="font-weight:bold;">स्टेटस विंडो-</span><br /><br />जब आप लैंग्वेज बार सक्रिय कर लेंगे और गूगल का विकल्प जोड़ लेंगे तो IME सक्रिय करने का शॉर्टकर्ट चलाते ही आपके स्क्रीन पर इस टूल का स्टेटस दिखाई देगा।<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/status_window.png"><br /><br /><span style="font-weight:bold;">संपादन खिड़की-</span><br /><br />स्क्रीन पर गूगल IME का विंडो दिखते ही आप नोटपैड सरीखे किसी अनुप्रयोग को खोलें और टाइप करना शुरू करें। जब आप 'googl' टाइप करेंगे तो निम्नलिखित तरीके से विकल्प दिखेंगे-<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/edit_window.png"><br /><br /><span style="font-weight:bold;">नेविगेशन और चयन-</span><br /><br />बाय-डिफाल्ट सबसे बायाँ विकल्प आपका सक्रिय चयन है। आप अपना चयना BOTTOM-ARROW या TAB बटन द्वारा बदल सकते हैं। विकल्पों पर आगे बढ़ जाने के बाद पीछे के विकल्प/विकल्पों पर लौटने के लिए UP-ARROW या SHIFT+TAB बटन का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मुश्किल लगे तो माउस राजा तो है हीं। Enter बटन को दबाकर वांछित शब्द इमसर्ट कर सकते हैं। SPACE या कोई PUNCTUATION CHARACTER (विराह चिह्न) आदि बटनों का प्रयोग करके भी शब्द को पूरा टाइप किया जा सकता है। CTRL+<choice_number> के शॉर्टकर्ट से भी आप प्रदर्शित विकल्पों में से वांछित विकल्प चुन सकते हैं। जैसे दूसरा विकल्प चुनने के लिए CTRL+2 -<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/navigation.png"><br /><br /><br /><span style="font-weight:bold;">शब्द-पूर्ति-</span><br /><br />जब आप इस संपादित्र (एडीटर) के माध्यम से कोई शब्द टाइप करते हैं तो यह सारे संभावित शब्द युग्मों को काले और नीले रंगों में दिखाता है। काले रंग के बैकग्राउंड में प्रदर्शित हो रहे शब्द आपके द्वारा टंकित रोमन अक्षरों से सम्भावित शब्द है और नीले रंग के बैकग्राउंड में प्रदर्शित होने वाले शब्द शब्दकोश के शब्द हैं।<br /><br /><span style="font-weight:bold;">पेजिंग-</span><br /><br />हमने जिस सेटिंग पर चर्चा की, उसमें 1 बार में 5 शब्द प्रदर्शित होते हैं। सेटिंग से आप इसे 6 तक बढ़ा सकते हैं। लेकिन मान लें कि इस टूल के पास आप द्वारा टंकित अक्षरयुग्मों के लिए 5 या 6 से अधिक सुझाव हैं तो यह 1 से अधिक पृष्ठों में सभी शब्द प्रदर्शित करेगा। आप देखेंगे कि ऊपर और नीचे जाने का Arrow नेविगेशन चमकने लगेगा। आप PAGEUP, PAGEDOWN बटन से भी इन विकल्पों के बीच दौड़ सकते हैं।<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/paging.png"><br /><br /><span style="font-weight:bold;">खोज-</span><br /><br />किसी भी समय जब आप इस संपादित्र में टाइप कर रहे हों, दायें कोने में गूगल के ऑइकॉन पर क्लिक करके उस शब्द (हाइलाइटेड) से संबंधित गूगल खोज कर सकते हैं। गैरसक्रिय विकल्पों पर बने डाउनएरो(DownArrow) के निशान पर क्लिक करके उस विशेष विकल्प से संबंधित गूगल खोज कर सकते हैं।<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/search_feature.png"><br /><br /><br /><span style="font-weight:bold;">प्रयोक्ता कैशे (USER CACHE)-</span><br /><br />कम्प्यूटर के लिए कैशे एक अस्थाई स्मृति होती है जो कभी पहले इस्तेमाल किये गये डाटा के रूप में संग्रहणित होती है। कई दफ़ा स्मृति आधारित बहुत से कम्प्यूटर अनुप्रयोग अपनी इसी स्मृति की मदद से बहुत तेज़ काम करते हैं, तेज़ परिणाम देते हैं।<br /><br />गूगल का यह आईएमई टूल भी प्रयोक्ता द्वारा सुझाये गये विकल्पों को अपने कैशे मेमोरी में संचित करके रखता है और अगली दफ़ा आपको वांछित परिणाम देता है। उदाहरण के लिए- मान लें कि आपने इस संपादित्र की मदद से रोमन में 'program' टाइप किया। यह टूल पहले आउटपुट के रूप में 'प्रोग्राम' दिखाया, लेकिन आपको दूसरा विकल्प 'प्रोगराम' वांछित था। आपने उसे एरो बटन या माउस द्वारा चुना।<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/cache_1_feature.png"><br /><br />जब आप अगली बार ''program' टाइप करेंगे तो गूगल का यह IME टूल आपके सुझाव और आपकी चाहत को ध्यान में रखेगा और पहले विकल्प के रूप 'प्रोग्रराम' दिखायेगा। नीचे दिखाये गये चित्र की तरह-<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/cache_2_feature.png"><br /><br /><br /><span style="font-weight:bold;">दो भाषाओं को आपस में बदलना-</span><br /><br />आप इस टूल की मदद से पहले की तरह अंग्रेज़ी और हिन्दी भाषा दोनों के शब्द अपने एक ही कीबोर्ड से लिख सकते हैं। जब आईएमई सक्रिय हो, आप F12 या Ctrl+G की मदद से रोमन और देवनागरी को आपस में बदल सकते हैं।<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/toggle_lang.png"><br /><br />आप चाहें तो आपके कम्प्यूटर स्क्रीन पर बने ऑइकॉन की मदद से 'अ' पर क्लिक करके 'A' और 'A' पर क्लिक करके 'अ' कर सकते हैं। 'अ' इस बात का सूचक है कि टाइपिंग-आउटपुट देवनागरी में होगा और 'A' इस बात का सूचक है कि टाइपिंग-आउटपुट रोमन में होगा।<br /><br /><span style="font-weight:bold;">कीबोर्ड-</span><br /><br />गूगल ने इस बार एक इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड का विकल्प भी दिया है, जिसमें हिन्दी के सभी स्वर, व्यंजन, विराम चिह्न इत्यादि एक क्रम में सजे हुए हैं। इस कीबोर्ड की मदद से आप बहुत से जटिल और दुर्लभ शब्द या अपनी मर्ज़ी के सार्थक-निरर्थक शब्द अपने आलेख में जोड़ सकते हैं। जैसे यदि आप कीबोर्ड की मदद से 'यक्ष' लिखना चाहें तो कीबोर्ड से 'य' और 'क्ष' का बटन दबायें आपका काम हो जायेगा।<br /><br />यह कीबोर्ड स्टेटस विंडों (कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखने वाला IME का ऑइकॉन) पर बने कीबोर्ड के ऑइकॉन पर क्लिक करके खोला जा सकता है या कीबोर्ड शॉर्टकर्ट Ctrl+K द्वारा खोला जा सकता है। माउस द्वारा वांछित अक्षर का चुनाव कर सकते हैं। माउस से स्टेटस विंडो पर बने कीबोर्ड के ऑइकॉन पर दुबारा क्लिक करके, या Ctrl+K दबाकर या Esc का बटन दबाकर इसे बंद किया जा सकता है।<br /><br />गूगल ने पहली बार <span style="font-weight:bold;">ZWJ</span> और <span style="font-weight:bold;">ZWNJ</span> का विकल्प भी इस कीबोर्ड में दिया है। मैं यूनिप्रशिक्षण के दौरान कई बार इन दोनों के महत्व का उल्लेख कर चुका हूँ। आज संक्षेप में दुबारा लिखता हूँ-<br /><br /><span style="font-weight:bold;">ZWJ- Zero Width Joiner (शून्य चौड़ाई वाला योजक)-</span> मतलब दो व्यंजनों को जोड़ने वाला ऐसा योजक जिसकी चौड़ाई शून्य हो। जैसे जब हम सामान्य तरीके से एक आधा व्यंजन और उसके बाद पूरा व्यंजन लिखते हैं तो दोनों मिलकर कई बार बहुत अजीब सा (अवांछित) रूप धर लेते हैं। जैसे जबकि हम 'रक्त' लिखना चाहते हैं, लेकिन इसका रूप 'रक्त' जैसा हो जाता है। असल में हम 'रक्त' इसी ZWJ की मदद से लिखते हैं। मतलब यह जोड़ भी देता है और कोई स्थान भी नहीं घेरता।<br />रक्त= र+क्+त<br />रक्त=र+क्+ZWJ+त<br /><br />या मान लें आपको को 'क्', 'ख्', 'ग्'.....'च्', 'छ्'.....'त्', 'थ्' इत्यादि लिखना है तो ZWJ का इस्तेमाल करना होगा।<br />जैसे ग्= ग्+ZWJ<br /><br /><span style="font-weight:bold;">ZWNJ- Zero Width Non Joiner (शून्य चौड़ाई वाला अ-योजक)</span>- मतलब दो व्यंजनों को पारस्परिक अलग-अलग दिखाने का उपाय जिससे हम व्यंजन के पूर्ण शुद्ध रूप को निरूपित कर सकते हैं, भले ही उसके बाद कोई व्यंजन ही आये। अमूमन हिन्दी में किसी पूर्ण शुद्ध व्यंजन के बाद कोई व्यंजन जुड़ते ही उसके आकार में कुछ विकार आ जाता है, लेकिन कई बार हम उसे अलग करके दिखाना चाहते हैं, जिसके लिए ZWNJ का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे मान लें कि 'रक्त' आप ना तो 'रक्त' की तरह और ना ही 'रक्त' की तरह दिखाना चाहते हैं बल्कि आप 'रक्त' की तरह दिखाना चाहते हैं तब आप ZWNJ का इस्तेमाल करेंगे।<br />रक्त= र+क्+ZWNJ+त<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/keyboard_feature.png"><br /><br /><br /><span style="font-weight:bold;">अनुकूलन-</span><br /><br />इस टूल में अपने हिसाब से अनुकूलन करने का विकल्प भी मौज़ूद है। आप स्टेट्स विंडों में सेटिंग के ऑइकॉन पर क्लिक करके <span style="font-weight:bold;">'Suggestion Font'</span> से यूनिकोड का फॉन्ट, साइज़ और बोल्ड, इटैलिक, अंडरलाइंड इत्यादि जैसे कस्टोमाइजेशन कर सकते हैं। आप मंगल और Arial Unicode MS के अलावा भी जैसे गार्गी, जयपुर यूनिकोड, जनहिन्दी इत्यादि जैसे यूनिकोड फॉन्ट (यदि आपने इसे अपने सिस्टम में अलग से डाल रखा है तो) जैसा कोई और फॉन्ट चुन सकते हैं।<br /><br />अंग्रेज़ी के शब्दों के लिए फॉन्ट कस्टोमाइजेशन कर सकते हैं। पेज़ साइज़ बदल सकते हैं (एक पेज़ में कितने विकल्प दिखाने हैं)।<br /><br />जिस प्रयोक्ता कैशे का उल्लेख मैंने ऊपर किया आप चाहें तो उसे निष्क्रिय भी कर सकते हैं, क्योंकि कई बार आप बहुत अजीब या कम प्रयोग में आने वाला शब्द टाइप करते हैं और आप नहीं चाहते कि चालू शब्द पहले नं॰ पर आना बंद हो।<br /><br /><img src="http://www.google.com/ime/transliteration/images/menu.png"><br /><br /><br />मैंने <a href="http://www.google.com/ime/transliteration/help.html" target="_blank">गूगल के अंग्रेज़ी ट्यूटोरियल</a> की मदद से, खुद से प्रयोग करके और कुछ पुराने अनुभवों के माध्यम से इस टूल के बारे में बताने की कोशिश की है। फिर भी यदि आपको कोई परेशानी आये तो लिखें।<br /><br />यदि प्रयोक्ताओं को इस ट्यूटोरियल से बात समझ में नहीं आ पाती तो मैं वीडियो ट्यूटोरियल लेकर उपलब्ध होऊँगा।<br /></choice_number>शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com83tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-60844591985757433642009-08-05T13:29:00.003+05:302009-08-05T15:17:38.762+05:30किसी Karaoke ट्रैक में अपनी आवाज़ कैसे डालें?<strong><span style="font-size:115%; color:#dd5566;">संगीत के साथ अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करना चाहते हैं?</span></strong><br/><br /><br />यह सवाल मुझसे पिछले कई महीनों से पूछा जा रहा है कि हम अपनी आवाज़ के पीछे (पार्श्व में) संगीत कैसे डाल सकते हैं, उसे संपादित कैसे कर सकते हैं। या किसी कैरिऑकि ट्रैक पर अपनी आवाज़ कैसे रिकॉर्ड करें? आज मैं इसका वीडियो ट्यूटोरियल लेकर उपस्थित हूँ, जिससे आप ऑडेसिटी के इस्तेमाल से यह काम आसानी से करना सीख सकते हैं।<br /><br />दोस्तो, <span style="font-weight:bold;">कैरिऑकि यानी Kara-oke</span> एक जापानी भाषा का शब्द है जो जापानी के कैरा (यानी खाली, रिक्त) और ओके (यानी ऑरकेस्ट्रा) से मिलकर बना है। कैरिऑकि ट्रैक किसी चिर-परिचित गीत का केवल संगीत-हिस्सा होता है। इससे गायक-गायिका की आवाज़ें निकाल दी जाती हैं। माना जाता है कि सन 1971 में जापान के संगीतकार डैसुकि इनोई ने सर्वप्रथम एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया था जो संगीतबद्ध गीत से मेल-फीमेल आवाज़ को हटा देता था। बाद में यह यूरोप और एशिया में बहुत मशहूर हुआ।<br /><br />खैर कैरिऑकि का इतिहास चाहे जो भी हो, हम आपको बताते हैं कि आप अपनी आवाज़ के साथ संगीत की सुर-ताल कैसे जोड़ सकते हैं।<br /><br />इससे पहले कि आप यह वीडियो ट्यूटोरियल देखें, आप अपने सिस्टम पर ऑडेसिटी ज़रूर इंस्टॉल (संस्थापित) कर लें। ऑडेसिटी इंस्टॉल करने का ट्यूटोरियल <a href="http://emadad.hindyugm.com/2008/08/how-to-record-audio-podcasts-using.html">यहाँ</a> उपलब्ध है।<br /><br />नीचे का प्लेयर चलायें। अगर वीडियो छोटा दिख रहा हो तो इसे फुलस्क्रीन कर लें।<br /><br /><object width="500" height="405"><param name="movie" value="http://www.youtube-nocookie.com/v/a5PN2QGUXK0&hl=en&fs=1&color1=0x234900&color2=0x4e9e00&border=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><param name="allowscriptaccess" value="always"></param><embed src="http://www.youtube-nocookie.com/v/a5PN2QGUXK0&hl=en&fs=1&color1=0x234900&color2=0x4e9e00&border=1" type="application/x-shockwave-flash" allowscriptaccess="always" allowfullscreen="true" width="500" height="405"></embed></object><br /><br />यदि आप इस वीडियो ट्यूटोरियल को अपनी सुविधानुसार देखना-सुनना चाहते हों तो <a href="http://www.archive.org/download/Karaoke_help_hy/karaoke_help.mp4">यहाँ से</a> डाउनलोड कर लें।<br /><br />कोई सवाल हो तो ज़रूर पूछें।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com22tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-10403386317034827052009-04-15T17:04:00.009+05:302009-04-15T23:11:55.062+05:30'वोट दो' अभियान का हिस्सा बनायें, ब्लॉगर का धर्म निभायें<A name="up"></a>कल भारतीय लोकतंत्र के अगले 5 वर्ष के भविष्य के फैसले का पहला दिन है। विश्लेषक शिकायत करते हैं कि पढ़ने-कमाने वाली जनता, खुद को स्मार्ट कहने वाली जनता वोट देने नहीं जाती, इसलिए लोकतंत्र को असल ज़िदंगी में हम वैसा नहीं पाते जैसा हम इसे देखना चाहते हैं, बनाना चाहते हैं।<br /><br />हिन्द-युग्म ने तय किया कि अपनी रचनात्मक टीम की मदद से ऐसे ही पढ़े-लिखे लोगों को जगाने की कोशिश करेगी। ताकि ये हालात पर केवल चिंता न व्यक्त करके, बदलाव का पहला कदम खुद बुनें।<br /><br />इसलिए हमने मनीष वंदेमातरम्, अनिल कुमार त्रिवेदी, विनय के॰ जोशी, निखिल आनंद गिरि और सीमा सचदेव जैसे कवियों की मदद और प्रशेन एण्ड टीम ग्राफिक्स डिजाइनर की मदद से कुछ पोस्टर/हैडर/बैनर को बनवाया।<br /><br />हम आपसे से आग्रह करते हैं कि नीचे दिये गये ग्राफिक्स में से अपनी पसंद का ग्राफिक्स चुनें और उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचायें।<br /><br /><span style="font-weight:bold;">तरीका-1 :</span> आप नीचे दिये गये पोस्टर को ईमेल द्वारा भेज सकते हैं, HTML कोड कॉपी करके ऑरकुट/फेसबुक के दोस्तों को भेज सकते हैं, अपना डेस्कटॉप सजा सकते हैं। अपने ब्लॉग, अपनी वेबसाइट, अपने फोरम पर इसे लगा सकते हैं।<br /><a href="#method">इस्तेमाल कैसे करें</a><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_01.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_01.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_02.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_02.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_03.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_03.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_04.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_04.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_05.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_05.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_06.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_06.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_07.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_07.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_08.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_400x400_08.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><span style="font-weight:bold;">तरीका 2</span>- इन बड़े पोस्टरों को आप ईमेल द्वारा भेज सकते हैं, ऑरकुट में शेयर कर सकते हैं, अपने ब्लॉग पर अलग से पोस्ट बनाकर प्रकाशित कर सकते हैं। अनारकली-सलीम वाला पोस्टर तारीख के हिसाब से (जब आपके यहाँ चुनाव हो) लगा सकते हैं।<br /><a href="#method">इस्तेमाल कैसे करें</a><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_01.jpg" width="600" class="expando"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_01.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_02.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_02.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_03.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_03.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_04.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_04.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_05.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_05.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_06.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_06.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_07.jpg"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm_vote_do_800x600_07.jpg"></a></textarea><br /><br /><br /><span style="font-weight:bold;">तरीका 3-</span> हम कुछ हैडर (header) दे रहे हैं, जिसे आप ईमेल द्वारा भेज सकते हैं, ऑरकुट में शेयर कर सकते हैं। यदि आपके पास ब्लॉग है तो आप इसे अपने ब्लॉग के हैडर के रूप में लगा सकते हैं। यदि आप 'हिन्द-युग्म' के 'लोगो' के बिना इसे लगाना चाहें तो हम वो भी विकल्प आपको दे रहे हैं।<br /><a href="#method">इस्तेमाल कैसे करें</a><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_01.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_01.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_01.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_01.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_02.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_02.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_02.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_02.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_03.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_03.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_03.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_03.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_04.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_04.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_04.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_04.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_05.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_05.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_05.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_05.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_06.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_06.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_06.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_06.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_07.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_07.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_07.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_07.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_08.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_08.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_08.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_08.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_09.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_09.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_09.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_09.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_10.jpg" width="600"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header-logo_10.jpg"></a></textarea><br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_10.jpg" width="600" class="expando"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://www.hindyugm.com/" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/vote_do_2009/hind-yugm-vote-d-header_10.jpg"></a></textarea><br /><A name="method"></a><br /><strong>विधि- </strong><br />1. (blogger) ब्लॉग पर लगाने के लिए डैशबोर्ड से <strong>'Layout'</strong> में जायें, <strong>'Add A Gadget'</strong> पर क्लिक करें। फिर <strong>HMTL/Javascript</strong> पर क्लिक करें। <strong>'Content'</strong> के बक्से में कोड पेस्ट करें और अपनी मर्जी का शीर्षक चुनकर Save कर लें (सहेज लें)।<br /><strong>(wordpress)</strong> ब्लॉग में लगाने के लिए डैशबोर्ड से उस ब्लॉग के <strong>'Design'</strong> में जायें जिसमें इस पोस्टर को लगाना चाहते हैं। फिर Widget पर क्लिक करें। ढेरों विकल्प आयेंगे। आप <strong>'Text'</strong> को जोड़ें। फिर दायीं तरफ Text की एक पट्टी बन जायेगी, उसके <strong>Edit</strong> पर क्लिक करें और सहेज लें। (याद रखें माउस की जगह <strong>CTRL+v</strong> से पेस्ट करें)।<br /><br />2. ऑरकुट के लिए कोड को सीधे स्क्रेपबुक में पेस्ट करें।<br />3. ईमेल सिग्नेचर के लिए ईमेल सेटिंग में जाकर 'सिग्नेचर' के HTML विकल्प में उपर्युक्त कोड पोस्ट करें।<br />4. ब्लॉग का हैडर पर लगाने के लिए- <br />पहले अपनी पसंद के हैडर को अपने कम्प्यूटर में सुरक्षित कर लें।<br />Header पर दायाँ क्लिक (Right Click) करें, Save Image As या Save Picture As का विकल्प आयेगा। उस पर क्लिक करके हैडर को अपने सिस्टम पर वहाँ सेव कर लें, जो जगह आपको याद रहे।<br />blogger.com में लॉगिन करें। 'Layout' में जायें। ध्यान से देखें आपको 'header' का ब्लॉक दिखेगा। उसके Édit' पर क्लिक करें। हैडर इमेज को सिस्टम से चुनें और सहेज़ लें।<br /><div align="right"><a href="#up">ऊपर वापिस लौटें</a></div>शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-92015817150560777642009-04-07T10:09:00.009+05:302009-04-07T14:33:20.632+05:30ब्लॉग/वेबसाइट पर गीत (पॉडकास्ट) नहीं सुन पा रहे हैं?<strong><span style="font-size:125%; color:#dd5566;">फ्लैश ऑडियो प्लेयर से जुड़ी सभी समस्याओं का निदान</span></strong><br/><br />धीरे-धीरे हिन्दी में ऑडियो ब्लॉगों (यानी पॉडकास्ट ब्लॉगों) की संख्या संतोषजनक हो गई है। <a href="http://www.hindyugm.com" target="_BLANK">हिन्द-युग्म</a> <a href="http://podcast.hindyugm.com" target="_BLANK">आवाज़ ब्लॉग</a> पर पॉडकास्टिंग में रोज़ नये प्रयोग कर रहा है और गैरहिन्दी समर्थकों को भी हिन्दी की गलियों में घुमा रहा है।<br /><br />इंटरनेट पर ऑडियो फाइल को अंतःस्थापित (Embed) करने के कई तरीके हैं-<br /><br />1 ॰ ऑडियो फाइल को रीयल प्लेयर की मदद से चलाना<br /><br />2 ॰ विंडोज मीडिया प्लेयर की मदद से चलाना<br /><br />3 ॰ याहू के ऑडियो प्लेयर प्लग-इन को ब्लॉग/वेबसाइट में संस्थापित (इंस्टॉल) करना और ऑडियो फाइल के हाइपरलिंक को चलाना।<br /><br />4 ॰ ऑडियो फाइल को फ्लैश प्लेयर की मदद से चलाना।<br /><br />चूँकि इसमें से शुरू की दो विधियों से फाइल एम्बेड करने पर बहुत संभव है कि लाइनक्स/मैक्नटॉश प्लेटफॉर्म का प्रयोक्ता तथा फायरफॉक्स ब्राउजर का प्रयोक्ता उस ऑडियो को न सुन पाये। याहू के ऑडियो प्लेयर प्लग-इन की समस्या यह है कि यह वेबसाइट/ब्लॉग का लोडिंग-टाइम बढ़ा देता है। इसलिए अनुभवी वेबसाइट-डेवलपर/ब्लॉगर/पॉडकास्टर फ्लैश आधारित म्यूजिक प्लेयर को अंतःस्थापित करने का रास्ता चुनते हैं और नये पॉडकास्ट ब्लॉगर को भी इसे इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।<br /><br />मैंने यह ग़ौर किया है कि बहुत से श्रोता इस बात की शिकायत करते हैं कि उनके यहाँ ऑडियो प्लेयर नहीं चल पा रहा है और वे गीत/पॉडकास्ट नहीं सुन पा रहे हैं। अमूमन वे निम्नलिखित तरह की शिकायत करते हैं-<br /><br />1 ॰ मुझे तो ऑडियो प्लेयर ही नहीं दिख रहा है।<br /><br />2 ॰ ऑडियो प्लेयर तो दिख रहा है, लेकिन प्लेयर पर क्लिक करते ही वह खुल रहा है और तुरंत बंद हो जा रहा है।<br /><br />3 ॰ प्लेयर चलता है और कुछ सेकेण्ड/मिनट चलने का बाद बंद हो जाता है।<br /><br />समस्या 2 और 3 को गिलहरीय प्रतिश्रवण (chipmunk playback) कहा जाता है। चूँकि गिलहरी चंचल होती है जो एक ही जगह बार-बार आती और जाती है, वस्तुतः फ्लैश प्लेयर इसी तरह का व्यवहार करने लगता है, इसलिए इसे गिलहरीय प्रतिश्रवण (या सिर्फ Chipmunks) कहा जाता है।<br /><br />उपर्युक्त तीनों समस्याओं की एक ही वज़ह है, वो है कि आपके सिस्टम पर Adobe फ्लैश प्लेयर का अद्ययावत संस्करण (Updated Version) संस्थापित (Installed) नहीं है। यानी आपको अपने सिस्टम पर प्लैश प्लेयर का नवीनतम संस्करण डालना होगा। याद रखिए कि यदि आप एक से अधिक ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं तो प्रत्येक ब्राउजर के लिए फ्लैश प्लेयर का नवीनतम संस्करण इस्तेमाल करना होगा।<br /><br />यदि आपको यह नहीं समझ में आ रहा है कि आप एडोब फ्लैश प्लेयर का कौन सा वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं तो घबराइए मत, एडोब की अधिकारिक वेबसाइट (Official website) पर इंस्टॉल्ड फ्लैश प्लेयर का संस्करण चेक करने का टूल उपलब्ध है। <a href="http://www.adobe.com/software/flash/about/" target="_BLANK">आप यहाँ क्लिक करें</a> आपको यह पता चल जायेगा कि आप फ्लैश प्लेयर का कौन-सा है? जैसे मैंने चेक किया, मेरे पास नवीनतम संस्करण <span style="font-weight:bold;">(10,0,22,87)</span> संस्थापित है।<br /><br />यह भी संभव है कि आपके पास बिलकुल नवीनतम संस्करण संस्थापित हो, फिर भी आप पॉडकास्ट नहीं चला पा रहे हों तो उसकी कुछ-एक वज़हें हो सकती हैं-<br /><br />1 ॰ आपका ब्राउजर के सभी प्लग-इन ठीक तरह से काम नहीं कर रहे। मसलन आपका सिस्टम गलत तरीके से जैसे बिजली के चले जाने से बंद हो गया हो और उस समय आपका यह ब्राउजर खुला हो। इसके लिए आप ब्राउजर को रीपेयर करें या उसे री-इंस्टॉल (पुनर्संस्थापित) करें।<br /><br />2 ॰ पॉडकास्ट-पेज पर उपलब्ध ऑडियो फाइल एम्बेडिंग की स्क्रिप्ट पूरी तरह से डाउनलोड न हो पाई हो। बहुत संभव है कि आपका नेट कनैक्शन सतत न हो, उसमें क्षणिक व्यवधान आया हो। इसके लिए पेज़ को दुबारा लोड करें, Refresh बटन (या F5) द्वारा।<br /><br />3 ॰ हो सकता है कि जहाँ (जिस सर्वर स्पेस) पर जावास्क्रिप्ट, फ्लैश प्लेयर की स्किन, ऑडियो फाइलें सुरक्षित हैं, वो डाउन हो, या क्षणांश के लिए डाउन हुआ हो। उसके लिए भी पेज़ रीफ्रेश करें। २-३ बार रीप्रेश होने के बावज़ूद भी आप नहीं चला सकते तो उस पेज को बंद कर दें। सर खपाने से कोई फायदा नहीं :)<br /><br />फ्लैश प्लेयर के नये संस्करण को संस्थापित करना केवल इसलिए ज़रूरी नहीं है कि इससे आप पॉडकास्टिंग से जुड़ी समस्या से निजात पा सकेंगे, बल्कि इसलिए भी ज़रूरी है कि आप इससे पुराने वर्जन में निहित बहुत से गंभीर सुरक्षा खतरों से भी बच सकेंगे। <a href="http://www.adobe.com/support/security/bulletins/apsb07-20.html" target="_BLANK">एडोब के ही अनुसार</a> उसके फ्लैश प्लेयर के नौवें संस्करण में कम से कम 9 सुरक्षा कोमलताएँ <a href="http://www.adobe.com/support/security/bulletins/apsb07-20.html" target="_BLANK">(Security vulnerabilities)</a> हैं। एडोब के ही अनुसार- <span style="font-weight:bold;">आप जिस वेब पेज को खोलना चाह रहे हैं, बहुत संभव है कि इंटरनेट पर उपलब्ध बहुत से स्पाइवेयर/मॉलवेयर आपको कहीं और पहुँचा दे।</span> <br /><br />उदाहरण के लिए- आप हिन्द-युग्म का <a href="http://podcast.hindyugm.com" target="_BLANK">'आवाज़'</a> पेज खोलना चाह रहे हैं, लेकिन एडोब फ्लैश प्लेयर के पुराने संस्करण में निहित सुरक्षा कमियों के कारण आप किसी पॉर्न (अश्लील) वेबपेज पर पहुँच सकते हैं।<br /><br /><strong><span style="font-size:115%; color:#f77c0f;">नये इंटरनेट प्रयोक्ता फ्लैश प्लेयर का नया वर्जन कैसे इंस्टॉल करें?</span></strong><br /><br />1 ॰ पहले <a href="http://get.adobe.com/flashplayer/" target="_BLANK">इस लिंक</a> को खोलें.<br /><br />2 ॰ पहले जाँच लें कि क्या आप जिस ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहाँ उसी के लिए फ्लैश प्लेयर उपलब्ध है? यदि हाँ तो <span style="font-weight:bold;">'Agree And Install Now'</span> पर क्लिक करें, नहीं तो ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे XP/Vista/Linux इत्यादि) और ब्राउजर चुनें, फिर 'Agree And Install Now' पर क्लिक करें।<br /><br />3 ॰ फ्लैश प्लेयर की .exe फाइल सिस्टम में उतार लें (डाउनलोड कर लें)।<br /><br />4 ॰ उस डाउनलोडेड फाइल को रन करें और इंस्टॉल कर लें। याद रखें कि इंस्टाल करते वक़्त संबंधित ब्राउजर की सभी खिड़कियाँ बंद रखें।<br /><br />5 ॰ यही प्रक्रिया आप सभी ब्राउजर के साथ अपनायें।<br /><br />जैसाकि आपने पढ़ा कि फ्लैश प्लेयर के पुराने संस्करणों में बहुत सी सुरक्षा कोमलताएँ हैं जिनकी वज़ह से हमारे सिस्टम को बहुत क्षति पहुँचती हैं। ऐसा खुद एडोब के बनाने वाले मानते हैं। तकनीकविद् बताते हैं कि नये फ्लैश प्लेयर के इंस्टॉलेशन के बाद भी फ्लैश प्लेयर का पुराना संस्करण सिस्टम से नहीं हटता। यानी सिस्टम पर वह अपनी तमाम खामियों के साथ विद्यमान रहता है। तकनीकपंडित सलाह देते हैं कि नये संस्करण को संस्थापित करने से पहले पुराने वर्जन को हटाना (अनइंस्टॉल करना) बहुत ज़रूरी है।<br /><br /><strong><span style="font-size:115%; color:#f77c0f;">पुराना संस्करण कैसे हटायें?</span></strong><br /><br />(मूल अंग्रेज़ी ट्यूटोरिय <a href="http://kb.adobe.com/selfservice/viewContent.do?externalId=tn_14157&sliceId=1 target="_BLANK"">यहाँ उपलब्ध है</a>)<br /><br />1. निम्नलिखित लिंकों से वांछित अनइंस्टॉलर डाउनलोड करें-<br /><br />Windows: <a href="http://download.macromedia.com/pub/flashplayer/current/uninstall_flash_player.exe" target="_BLANK">uninstall_flash_player.exe</a> (205 KB) (updated 2/24/08)<br />Mac OS X, version 10.3 and above: <a href="http://fpdownload.macromedia.com/get/flashplayer/current/uninstall_flash_player_osx.dmg" target="_BLANK">uninstall_flash_player_osx.dmg</a> (243 KB) (updated 11/05/08)<br />Mac OS X, version 10.2 and below: <a href="http://download.macromedia.com/pub/flash/ts/uninstall_flash_player_osx_10.2.dmg target="_BLANK"">uninstall_flash_player_osx.dmg</a> (1.3 MB) (updated 05/27/08)<br />Mac OS 8.x, 9.x: <a href="http://download.macromedia.com/pub/flash/ts/uninstall_flash_player.hqx" target="_BLANK">uninstall_flash_player.hqx</a> (33 KB)<br /><br />2 ॰ इसे अपने सिस्टम पर वहाँ सेव (सुरक्षित) करें, जहाँ आप आसानी से पहुँच सकते हैं, जैसे डेस्टटॉप पर।<br /><br />3 ॰ याहू मैसेंजर, एओएल मैसेंजर, गूगल टॉल्क, इंटरनेट एक्सपलोरर तथा अन्य ब्राउजर को बंद करें। अपने सिस्टम के ट्रै ऑइकॉन (सामान्तया सिस्टम के टास्कबार की बिलकुल दायीं तरफ होता है, जिसमें समय और तारीख दिखलाई देते हैं) में से भी उन अनुप्रयोगों को बंद करें, जिसमें फ्लैश का इस्तेमाल संभावित हो।<br /><br />4 ॰ अब अनइंस्टॉलर का सेट-अप चलायें। यह आपके सिस्टम से एडोब फ्लैश प्लेयर के पुराने संस्करण को हटा देगा।<br /><br />याद रखिए कि यह अनइंस्टॉलर किसी चल रहे फ्लैश फाइल को नहीं हटायेगा, इसलिए यह सुनिश्चित कर लें कि आप कोई फ्लैश अनुप्रयोग नहीं चला रहे।<br /><br /><strong><span style="font-size:115%; color:#f77c0f;">मैक्रोमीडिया फ्लैश प्लेयर की IE7 के साथ समस्या</span></strong><br /><br />बहुत से प्रयोक्ता यह शिकायत करते हैं कि यद्यपि उनके सिस्टम में फ्लैश प्लेयर का नवीनतम संस्करण संस्थापित है, तब भी मैक्रोमीडिया फ्लैश प्लेयर नहीं काम कर रहा। इस परिस्थिति में आप निम्नलिखित काम करें-<br /><br />1 ॰ इंटरनेट एक्सप्लोरर की सभी खिड़कियाँ तथा इससे संबंधित विंडोज के सभी अनुप्रयोग बंद करें।<br />2 ॰ Command Prompt चलायें (यदि आपके पास विंडोज विस्टा है तो Administrator के तौर पर लॉगिन करके)।<br />3 ॰ C:\Windows\System32\Macromed\Flash पर या C:\Windows\SysWOW64\Macromed\Flash (Windows 64-bit ) पर जायें।<br />4 . FlashUntil9d.exe चलायें (या संबंधित exe फाइल, जो उस फोल्डर में उपलब्ध है)।<br />5 ॰ अपना सिस्टम रीस्टॉर्ट करें।<br /><br />इससे जुड़ा कोई और सवाल हो तो कमेंट में लिखें।<br /><hr><br />आप फ्लैश प्लेयर आधारित पॉडकास्ट ब्लॉग/वेबसाइट चलाते हों तो निम्नलिखित सूत्र अपने ब्लॉग/वेबसाइट पर जोड़े-<br /><br />बड़े आकार के लिए:<br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/button/Flash_Player_Problem_Large.gif"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://emadad.hindyugm.com/2009/04/flash-player-issue-podcast-website-blog.html" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/button/Flash_Player_Problem_Large.gif"></a></textarea><br /><br />छोटे आकार के लिए:<br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/button/Flash_Player_Problem_small.gif"><br /><br /><textarea class="formtextarea" cols="70" onclick="this.select();"><a href="http://emadad.hindyugm.com/2009/04/flash-player-issue-podcast-website-blog.html" target="_BLANK"><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/button/Flash_Player_Problem_small.gif"></a></textarea>शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-29747028399879797832008-09-05T10:38:00.001+05:302008-09-05T10:38:20.158+05:30स्काइपी का इस्तेमाल कैसे करें?<strong><span style="font-size:115%; color:#dd5566;">फ्री में PC-to-PC बात करें</span></strong><br/><br /><a href="http://www.skype.com/" target="_blank">स्काइपी (Skype)</a> एक ऐसा साफ्टवेयर है जो पीसी (PC) से पीसी (PC) मुफ़्त कॉल करने की सुविधा देता है। ऐसा नहीं है कि पीसी से पीसी से कॉल करने की एकमात्र यही सर्विस है, इस तरह के कई सुविधाएँ इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। बहुतों ने याहू मैसेंजर, जीटॉल्क, एमएसएन मैसेंज़र आदि इस्तेमाल भी किया होगा। लेकिन ध्वनि की जो स्पष्टता स्काइपी से मिलती है, वो किसी से नहीं। यह केवल मेरा अनुभव नहीं है बल्कि १२० मिलियन से भी अधिक स्काइपी प्रयोक्ताओं का अनुभव है।<br /><br />स्काइपी को हम बहुत आसानी से अपने सिस्टम में संस्थापित भी कर सकते हैं। और कुछ ही मिनटों में दुनिया में किसी भी दूसरे सिस्टम पर बैठे अपने परिचच से बात कर सकते हैं। अधिकतम २५ लोगों के साथ मुफ्त क्रांफ्रेंस भी कर सकते हैं। स्काइपी के इस्तेमाल से आप किसी मोबाइल या लैंडलाइन नं॰ को भी कॉल कर सकते हैं, मगर यह सुविधा मुफ़्त नहीं है। मैं केवल मुफ़्त सुविधा की बात करूँगा।<br /><br /><strong><span style="font-size:115%; color:#dd5566;"><br />उपयोग-विधि</span></strong><br /><br />1. स्काइपी के <a href="http://www.skype.com/go/downloading" target="_blank">अधिकारिक वेबसाइट</a> से इसे डाउनलोड कर लें और अपने सिस्टम में उतार लें (इंस्टॉल कर लें)।<br /><br />2. संस्थापन (इंस्टॉलेशन) के बाद इस तरह की विंडो खुलेगी। आप 'Don't have a Skype Name?' पर क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_01.jpg"><br /><br />3. अब एक आवेदन-प्रपत्र खुल जायेगा। आप अपना नाम, वांछित यूजरनेम (प्रयोक्ता नाम) और पासवर्ड (कूटशब्द) भरें। जैसे मैंने नाम वाले फील्ड में Hind Yugm और यूज़रनेम में hindyugm भरा है (पासवर्ड तो बताया नहीं जाता :) ) । इसके बाद 'Next' पर क्लिक कर दें।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_02.jpg"><br /><br />4. अब स्काइपी आपसे आपका वैध्य ईमेल पता माँगेगा (इसे अवश्य भरें ताकि भविष्य में पासवर्ड या प्रयोक्ता नाम भूल जाने की दशा में दुबारा प्राप्त किया जा सके)। देश और शहर को भरें और 'Sign In' कर जायें।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_03.jpg"><br /><br />5. अब आपके सामने इस तरह की खिड़की खुल जायेगी। अभी आपके कॉन्टैक्ट में कोई नहीं है।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_04.jpg"><br /><br />6. अब आप दो तरह से लोगों को अपने स्काइपी कॉन्टैक्ट में जोड़ सकते हैं। 'Add Contact' पर क्लिक करके तथा 'Search for Skype Users' के द्वारा। पहले 'Add Contact' पर क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_05.jpg"><br /><br />7. यदि आपके मित्र ने आपको स्काइपी नेम बता रखा हो तो उसे लिखें, जैसे hindyugm या ईमेल पता या उसका पूरा नाम लिखकर 'Find' पर क्लिक करें<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_06.jpg"><br /><br />8. इस तरह का परिणाम आयेगा, आपको यदि वांछित परिणाम मिल जाये तो उसे सेलेक्ट कर लें। जैसे मुझे hindyugm मिल गया, और मैंने Add Skype Contact पर क्लिक कर दिया।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_07.jpg"><br /><br />9. यदि आप 'Search for Skype Users' पर जाना चाहें तो यहाँ क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_08.jpg"><br /><br />10. फिर से एक नया विंडो खुलेगी, जिसमें आप शहर के नाम से, प्रयोक्ता के नाम से, लिंग, देश, भाषा, उम्र इत्यादि फिल्टरों से छाँटकर स्काइपी प्रयोक्ताओं अपनी मित्रता सूची में जोड़ सकते हैं। जैसे मैंने मात्र 'Delhi' फिल्टर के माध्यम से प्रोक्ताओं को खोजा और मुझे ढेरों परिणाम मिले। मैंने वांछित प्रयोक्ता को चुनकर 'Add Skype Contact' पर क्लिक करके जोड़ लिया।<br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_09.jpg"><br /><br />11. अब अपने कॉन्टैक्ट लिस्ट में से जिसे कॉल करना हो, उसे सेलेक्ट करें (यदि वो ऑनलॉइन हो) और हरे रंग का बटन दबायें। इसी तरह से जब आपको कोई कॉल करे तो हरे रंग के बटन से कॉल कनैक्ट करें। बहुत आसान है, उसी तरह का कन्वेंशन है जिस तरह का मोबाइल फोन में होता है।<br /><br /><br /><img src="http://s173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/how_to_use_skype_10.jpg"><br /><br />मैंने यहाँ पर इसके साधारण इस्तेमाल की बात की है। ज्यादा जानना चाहें तो इस्तेमाल करके खुद आर-एन-डी करें। स्काइपी कैसे इस्तेमाल करें?- पर ट्यूटोरिल <a href="http://www.skype.com/help/guides/" target="_blank">स्काइपी की वेबसाइट पर</a> भी उपलब्ध है। या आप <a href="http://www.google.com" target="_blank">गूगल</a> में <a href="http://www.google.co.in/search?hl=en&q=how+to+use+skype&meta=" target="_blank">'How to use Skype'</a> डालकर सर्च करें आपको ढेरों ट्यूटोरियल मिल जायेंगे।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com17tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-62888640506396033972008-08-26T14:39:00.004+05:302008-08-26T15:57:39.112+05:30कोई फ्री में वेबसाइट (डोमेन) दे तो थोड़ा सावधान रहेंअभी-अभी कुन्नू सिंह के ब्लॉग <a href="http://kunnublog.blogspot.com">Kunnublog</a> पर पढ़ा कि उन्हें मुफ़्त की वेबसाइट http://www.hindimaja.com/ <a href="http://kunnublog.blogspot.com/2008/08/blog-post_25.html">मिल गई</a> है वो भी निम्न फीचरों के साथ।<br /><ul><br /><li> 1 जीबी वेब-स्पेस</li><br /><li> अनलिमिटेड बैंडविथ</li><br /><li> अनलिमिटेड ईमेल्स (जैसे यदि मैं वहाँ से www.kunnusingh.com मुफ्त में ले लूँ तो मैं admin@kunnusingh.com, info@kunnusingh.com, contact@kunnusingh.com तरह की अनगिनत ईमेल आईडी बना सकता हूँ।)</li><br /><li> अपने पसंद की स्क्रिप्ट (जैसे ब्लॉग, CSS या फोरम)</li><br /><li> ईमेल द्वारा मुफ़्त तकनीकी मदद</li><br /><li> <a href="http://emadad.hindyugm.com/2008/08/blog-post.html">पेज़ रैंक</a> तथा ट्रैफिक बढ़ाने हेतु मुफ़्त की ट्रिक्स और टिप्स (जुगाड़)</li><br /></ul><br /><br /><strong>सावधान!!</strong><br />लेकिन, यदि आप भी इस तरह के लुभावने वेबसाइटों पर जायें, तो सावधान रहें। वेबसाइट रिक्वेस्ट करते वक़्त उनके नियमों व शर्तों को पढ़े लें। कुन्नू सिंह के पोस्ट के माध्यम से मैंने यह खोजा कि इनको सुविधा कैसे मिली? <a href="http://www.hyperwebenable.com">http://www.hyperwebenable.com</a> नाम की वेबसाइट यह सुविधा दे रही है। इससे पहले भी मैं इस तरह की १-२ वेबसाइट देख चुका हूँ। मैंने http://www.hyperwebenable.com के <strong>नियमों और शर्तों</strong> को ध्यान से पढ़ा तो पाया कि आपको यह वेबसाइट मात्र ४५ दिनों के लिए दी जाती है, यानी यह ग्रेस पीरियड है। यह पीरियड आगे तभी बढ़ेगा जबकि-<br /><ul><br /><li>आपका डोमेन सक्रिय हो</li><br /><li>कम से कम रोज़ाना 100 पेज व्यू हो</li><br /><li> या कम से कम औसत 3000 पेज़ व्यू प्रति माह का हो।</li><br /></ul><br /><br /><strong>जिनकी ट्रैफिक कम है, उनको होने वाले नुकसान-</strong><br /><ul><br /><li> शर्तों में साफ लिखा है कि यदि आप उपर्युक्त आँकड़े नहीं छू पाते हैं तो आपका डोमेन असक्रिय कर दिया जायेगा।</li><br /><li>मान लीजिए आप हिन्दी प्रेमी नाम से एक वेबसाइट बनाना चाहते हैं, आप http://www.hyperwebenable.com के माध्यम से www.hindipremi.com पंजीकृत कर लेते हैं। अब यदि आप इनकी शर्तें पूरी नहीं कर पाते हैं तो आपका डोमने असक्रिय कर दिया जायेगा और http://www.hyperwebenable.com के पूरे अधिकार होंगे कि वे इसे किसी और को दे दें या बेंच दें। <br /><br />और वैसे भी अब Rs 300-Rs 400 में डॉट कॉम डोमेन मिल जाता है (एक वर्ष का किराया), फीर मात्र रु ४०० के लिए अपना डोमेन दूसरों के हाथ में क्यों जाने दें।</li><br /><br /><li> आपको C pannel एक्सेस नहीं मिलेगा, यानी मन माफिक परिवर्तन भी करना चाहें तो http://www.hyperwebenable.com के थ्रू ही हो पायेगा।</li><br /></ul><br /><br /><strong>सबसे बड़ा नुकसान</strong><br /><a href="http://www.hyperwebenable.com">http://www.hyperwebenable.com</a> से मिले डोमेन के पृष्ठों पर यदि आप अपने ऐड (जैसे गूगल ऐड सेंस) लगाना चाहें तो लगा सकते हैं, लेकिन साथ-साथ आपको http://www.hyperwebenable.com द्वारा दिखाये जाने वाले विज्ञापन को भी दिखाना होगा। यानी यदि आपका ट्रैफिक ज्यादा है तो http://www.hyperwebenable.com वाले साल भर में आपके ब्लॉग से कई हज़ार कमायेंगे और आप मात्र रु ४०० बचायेंगे।<br /><br />यदि आपने http://www.hyperwebenable.com द्वारा दिखाये जाने वाले विज्ञापनों में कोई छेड़-छाड़ की, उन्हें हटाया तो आपका डोमेन डीएक्टिवेट कर दिया जायेगा।<br /><br />ब्लॉगस्पॉट के एड्रैस हो सकता है बताने में, टाइप करने में ठीक न लगते हों, लेकिन कम से कम इस तरह की दखल-अंदाज़ी तो नहीं करते।<br /><br />जो ब्लॉगिंग या वेबपोस्टिंग पहले से करते होंगे उन्हें याद होगा कि www.lycos.com (या www.tripod.com) , www.geocities.com (याहू की सर्विस) भी फ्री में यूआरएल देते थे (जैसे shailesh.tripod.com) , लेकिन ज्यादातर blogspot या wordpress इसलिए इस्तेमाल करने लगे क्योंकि ये सर्विसें अपना विज्ञापन नहीं ठूँसतीं। <br /><br />मतलब यह कि आपका ट्रैफिक चाहे कम हो या ज्यादा आप रहेंगे नुकसान में ही। अब फैसला आपके हाथ में है।<br /><br />कोई शंका हो तो लिखें।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com52tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-89870587593841038242008-08-23T09:12:00.010+05:302008-08-24T00:33:58.962+05:30पेज़-रैंक के माध्यम से चिट्ठों की दुनिया का विश्लेषण<strong><span style="font-size:115%; color:#dd5566;">जानें अपने ब्लॉग की पेज़-रैंक। कौन-कौन से ब्लॉग की है सबसे अधिक पेज़रैंक। अपने ब्लॉग पर अपना ब्लॉग की पेज़ रैंक जोडें</span></strong><br /><br /><hr/><br /><table align="center" cellspacing="1" cellpadding="5" border="0" bgcolor="#C0C0C0"><br /><tr bgcolor="#FFFFFF"><td><font style="font-size: 11px; font-family: Verdana;"><b>Check Page Rank of any web site pages instantly:</b></font></td></tr><br /><form action="http://www.prchecker.info/check_page_rank.php" method="post"><br /><tr bgcolor="#FFFFFF"><td><input type=hidden name="action" value="docheck"><br /><input type="text" value="http://" name="urlo" size="30" maxlength="300"> <br /><input type="submit" name="do_it_now" value=" Check PR "><br /></td></tr></form><tr bgcolor="#FFFFFF"><td><br /><font style="font-size: 9px; font-family: Verdana;">This free page rank checking tool is powered by <a href="http://www.prchecker.info/" target="_blank">Page Rank Checker</a> service</font><br /></td></tr></table><br /><br /></hr><br />कल <a href="http://www.blogger.com/profile/02368369501407700080">अंकित</a> के तकनीकी ब्लॉग <a href="http://praatham.blogspot.com/2008/08/what-is-page-rank.html">'Pratham'</a> पर पढ़ा कि लोगों को पेज़ रैंक कैलकुलेट करने में असुविधा हो रही है। वस्तुतः बात ये है कि अंकित ने पेज-रैंक कैलकुलेट करने के जिस वेबसाइट (<a href="http://pr.blogflux.com">http://pr.blogflux.com</a> ) का ज़िक्र किया है, वो बहुत कम यूज़र-फ्रैंडली साइट है। अगर मेरी बात पर भरोसा न हो तो <a href="http://mohalla.blogspot.com">'मोहल्ला'</a> जाकर देखें, जबकि मोहल्ला की पेज़-रैंक 4 है, लेकिन <a href="http://pr.blogflux.com">http://pr.blogflux.com/</a> 0 दिखा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अविनाश यह नहीं समझ पाये कि सही पेज़ रैंक कैसे लगायें अपने ब्लॉग पर।<br /><br />पहले हम अंकित की बातों को आगे बढ़ाते हुए पेज़-रैंक को समझ लें। आम बोल-चाल की भाषा में समझे तो पेज़-रैंक आपके ब्लॉग/वेबसाइट के पृष्ठों का गूगल सर्च इंजन में दिखाई देने का वरीयता क्रमांक है। यह ध्यान रखें कि गूगल दुनिया के सभी वेबपृष्ठों का पेज-रैंक बनाता है। किसी पृष्ठ का पेज़ रैंक 500 मिलियन चरों (variables) और २ बिलियन पदों (terms) पर निर्भर करता है। जिस पृष्ठ की पेज़ रैंक जितनी अधिक होगी, उसके गूगल खोज परिणाम उतना ऊपर दिखने की सम्भावना होगी। जिसमें सबसे अहम रोल आपके पृष्ठ के इनकमिंग लिंकों का है। मतलब आपके पृष्ठ का जिक्र दुनिया भर में जितनी ज्यादा जगह होगा, आपके पृष्ठ की पेज़ रैंक उतनी अधिक होगी। याद रखें कि किसी संम्पूर्ण वेबसाइट/ब्लॉग की पेज़-रैंक कुछ तो उसी वेबसाइट/ब्लॉग के किसी खास पृष्ठ की पेज़ रैंक कुछ और हो सकती है।<br /><br />मोटे-मोट तौर पर कहें तो आपका ब्लॉग जितने अधिक ब्लॉगों, वेब डायरेक्टरियों इत्यादि पर लिंकित होगा, पेज़ रैंक उतनी अधिक होगी। आप चिट्ठाजगत द्वारा दिये जाने वाले सक्रियता क्रमांक को भी एक तरह का पेज़ रैंक समझ सकते हैं। लेकिन चूँकि यह <a href="http://www.google.com/corporate/tech.html">'टर्म'</a> गूगल की देन है, इसलिए हम कर नहीं सकते । लेकिन चिट्ठाजगत वाले भी आपके ब्लॉग के करोड़ ना सही, कुछ पहलुओं का इस्तेमाल करके, सक्रियता क्रमांक देते हैं। इसलिए इसका भी अलग महत्व है। <br /><br />यह भी ध्यान रखें कि पेज़-रैंक आपके ब्लॉग की ट्रैफिक नहीं बताता, बल्कि गूगल खोज में आने की प्रायिकता बताता हूँ। लेकिन अब जबकि लोगों की वेब-सर्फिंह हैबिट बदल रही है, लोग डायरेक्ट लिंक खोलकर आने की बजाय सर्च से आते हैं (अपनी ज़रूरत की चीज़ों को खोजतेर), इसलिए गूगल सर्च से आपके पास उसी अनुपात में लोग पहुँचेंगे, जिस अनुपात आपकी रैंक होगी। <a href="http://www.google.com">गूगल</a> की पेज रैंक 10, <a href="http://www.yahoo.com">याहू</a> की 9 तथा <a href="http://www.msn.com">एमएसएन</a> और <a href="http://www.aol.com">एवोएल</a> की पेज़-रैंक क्रमशः 8-8 है।<br /><br />हिन्दी के ब्लॉग और ब्लॉग एग्रीगेटरों के पेज़ रैंक पर मैंने गहन पड़ताल की है और पाया है कि हिन्दी के दो ऐसे ब्लॉग है जिनका पेज़ रैंक 5 हैं। एक तो आलोक कुमार का <a href="http://devanaagarii.net/hi/alok/blog/">'नौ दो ग्यारह'</a> जिसे हिन्दी का पहला ब्लॉग होने का गौरव प्राप्त है। और दूसरा है सबसे मशहूर ब्लॉगर <a href="http://raviratlami.blogspot.com">रवि रतलामी का हिन्दी ब्लॉग</a>। रवि-रतलामी पहले ऐसे हिन्दी ब्लॉगर भी हैं, जो अपने ब्लॉगों से धन कमाते हैं। अब इनमें <a href="http://www.jitu.info/merapanna">जीतू</a> का नाम भी जुड़ गया है। <br /><br /><strong>हिन्दी ब्लॉग की दुनिया का मेरा अवलोकन</strong><br /><br />दो प्रसिद्ध ब्लॉग-एग्रीगेटर <a href="http://chitthajagat.in">चिट्ठाजगत</a> और <a href="http://www.blogvani.com">ब्लॉगवाणी</a> की पेज़रैंक 4 है। ज़रा सोचें कि ये दोनों एग्रीगेटरों के लिंक 2000 से भी अधिक ब्लॉगों पर हैं, फिर भी इनके पेज़ रैंक कम हैं। इसकी दो मुख्य वज़हें हैं- <br /><br />1. इनका नया होना। जबकि आलोक जी का और रवि रतलामी जी का ब्लॉग 2004 में ही शुरू हो गया था। <br />२॰ ब्लॉग के पृष्ठों का फेवरिट में सुरक्षित होना, डायरेक्टरी में टैग होना, जबकि एग्रीगेटर में ऐसा नहीं हो पाया है। <br /><br />वहीं ऐसे ढेरों हिन्दी ब्लॉग हैं जिनकी पेज़रैंक 4 है। जिनका मैं चेक कर चुका हूँ उनमें <a href="http://hindini.com/">हिन्दिनी</a> (यानी <a href="http://hindini.com/fursatiya">फुरसतिया</a>, <a href="http://hindini.com/eswami">ईस्वामी</a>), <a href="http://mohalla.blogspot.com">मोहल्ला</a>, <a href="http://udantashtari.blogspot.com/">उड़न तश्तरी</a>, <a href="http://merekavimitra.blogspot.com">हिन्द-युग्म का कविता पृष्ठ</a>, <a href="http://azdak.blogspot.com/">अज़दक</a>, <a href="http://sarathi.info">सारथी</a>, <a href="http://diaryofanindian.blogspot.com/">एक हिंदुस्तानी की डायरी</a>, <a href="http://www.jitu.info/merapanna">मेरा पन्ना</a>, <a href="http://rachanakar.blogspot.com/">रचनाकार</a>, <a href="http://chitthajagat.in/?chittha=http://shabdavali.blogspot.com/">शब्दों का सफर</a>, <a href="http://masijeevi.blogspot.com">मसिजीवी</a>, <a href="http://www.tarakash.com/joglikhi">जोगलिखी</a>, <a href="http://unmukt-hindi.blogspot.com/">उन्मुक्त</a>, <a href="http://shiv-gyan.blogspot.com/">शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग</a>, <a href="http://radiovani.blogspot.com/">यूनुस ख़ान का हिंदी ब्लॉग : रेडियो वाणी ----yunus khan ka hindi blog RADIOVANI</a>, <a href="http://pratyaksha.blogspot.com/">प्रत्यक्षा</a>, <a href="http://chitthacharcha.blogspot.com/">चिट्ठा चर्चा</a>, <a href="http://ek-shaam-mere-naam.blogspot.com/">एक शाम मेरे नाम</a>, <a href="http://ghughutibasuti.blogspot.com/">घुघूतीबासूती</a>, <a href="http://www.kalpana.it/hindi/blog/">जो न कह सके</a>, <a href="http://samatavadi.wordpress.com/">समाजवादी जनपरिषद</a>, <a href="http://gatyatmakjyotish.wordpress.com/">गत्यात्मक ज्योतिष्</a>, <a href="http://kakesh.com/">काकेश की कतरनें</a>, इत्यादि शामिल हैं। यदि आपके ब्लॉग का पेज़-रैंक 4 हो और मुझसे ज़िक्र छूट गया तो बता दें ताकि मैं खुद को अप-टू-डेट कर सकूँ।<br /><br />हिन्दी के सैकड़ों ऐसे ब्लॉग हैं जिनकी पेज़-रैंक 3 है। पेज़-रैंक का 2 से कम होना अच्छा नहीं माना जाता। मुझे यह जानकर बहुत दुख होता है कि अंग्रेज़ी के बहुत से ऐसे ब्लॉग हैं जिनकी पेज़रैंक 4 या 5 हैं , और वे लाखों में कमा रहे हैं, लेकिन हम हिन्दी वाले अभी हज़ार भी नहीं कमा पा रहे हैं। जबकि यह सच है कि ऑनलाइन एड नेटवर्क की वेबसाइट पेज़रैंक 4 या इससे अधिक वाली वेबसाइट को एड देने से नहीं हिचकिचातीं। लेकिन अफसोस कि वे कहती हैं कि आपकी वेबसाइट का कंटेंट केवल और केवल अंग्रेज़ी में होना चाहिए।<br /><br />यदि आपके ब्लॉग की पेज़रैंक अभी शून्य है, तब भी घबराने की ज़रूरत नहीं है, नियमित लेखन करें, आप भी 5 पेज-रैंक के मालिक होंगे।<br /><br /><strong>पेज़ रैंक चेक करने का स्मार्ट तरीका</strong><br /><br />कुछ दिनों पहले मैं किसी ब्लॉग से एक वेबसाइट <a href="http://www.compteur.cc/">http://www.compteur.cc/</a> पर पहुँचा जो ब्लॉग पर तरह-तरह के विज़ेट (widget) लगाने की सुविधा देती है। बहुत ही सुंदर-सुंदर विज़ेट (जिसमें काउँटर, फ्लैश/एनीमेटेड हैडर, एनीमेटेड संदेश, पेज रैंक के विज़ेट शामिल हैं) । पेज़ रैक वाला विज़ेट मैंने हिन्द-युग्म के <a href="http://podcast.hindyugm.com">आवाज़ पृष्ठ</a> पर लगाया भी था। लेकिन इनके विजेट एक ऐसी परेशानी पैदा करते हैं, जो कम से कम अपने पाठकों को बिना किसी लाभ के कोई नहीं देना चाहेगा। एक पॉप-इन विंडो खुलने लगती है, <a href="http://www.compteur.cc/">http://www.compteur.cc/</a> वाले आपको मुफ्त में सेवा तो देते हैं, लेकिन ये साथ-साथ अपने जावा-स्क्रिप्ट में ऐसा खिलवाड़ कर रखा है कि इनके प्रायोजकों का विज्ञापन खुले और वे आर्थिक लाभ कमा पायें। जबकि हम अपने ब्लॉग पर एड नेटवर्क के पॉप-अप/पॉप-इन लगाकर खुद कमा सकते हैं तो फिर <a href="http://www.compteur.cc/">http://www.compteur.cc/</a> को क्यों कमाने दें। इसलिए कम से कम मैं यह सलाह बिलकुल नहीं दूँगा कि आप http://www.compteur.cc/ का विज़ेट इस्तेमाल करें। इनका विज़ेट इतना खराब है कि ये पेज़-लोडिंग टाइम भी बढ़ाता है। <br /><br />काफी रिसर्च के बाद मैंने पाया कि गूगल की 'अधिकारिक पेज़ रैंक चेक करने वाली वेबसाइट' का दावा करने वाली वेबसाइट <a href="http://www.prchecker.info/">http://www.prchecker.info/</a> सबसे बेहतर और यूज़र फ्रैंडली है। बहुत आसानी से आप भिन्न-भिन्न साइज़ के पेज़-रैंक आइकन (जिसपर आपके ब्लॉग/वेबसाइट का पेज़रैंक भी दिखेगा) लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए हिन्द-युग्म के कविता-पृष्ठ <a href="http://merekavimitra.blogspot.com">मेरेकविमित्रि</a> का पेज़रैंक इस तरह से दिखेगा (मेरेकविमित्र की पेज़रैंक 4 है)<br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/paga_rank_of_merekavimitra.jpg" title="Page Rank of Hind-Yugm"><br />आपको करना कुछ नहीं है, या तो आप नीचे के फॉर्म में अपने ब्लॉग का पता भरें और पेज़ रैंक यहीं चेक कर लें या <a href="http://www.prchecker.info/check_page_rank.php">इस लिंक</a> से कर लें।<br /><table align="center" cellspacing="1" cellpadding="5" border="0" bgcolor="#C0C0C0"><br /><tr bgcolor="#FFFFFF"><td><font style="font-size: 11px; font-family: Verdana;"><b>Check Page Rank of any web site pages instantly:</b></font></td></tr><br /><form action="http://www.prchecker.info/check_page_rank.php" method="post"><br /><tr bgcolor="#FFFFFF"><td><input type=hidden name="action" value="docheck"><br /><input type="text" value="http://" name="urlo" size="30" maxlength="300"> <br /><input type="submit" name="do_it_now" value=" Check PR "><br /></td></tr></form><tr bgcolor="#FFFFFF"><td><br /><font style="font-size: 9px; font-family: Verdana;">This free page rank checking tool is powered by <a href="http://www.prchecker.info/" target="_blank">Page Rank Checker</a> service</font><br /></td></tr></table><br /><hr/><br />यदि अपने ब्लॉग के पेज़-रैंक को साइडबार में लगाना चाहते हैं तो <a href="http://www.prchecker.info/check_page_rank.php">यहाँ</a> जायें।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com19tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-18141906424211927422008-08-15T13:34:00.001+05:302008-08-15T13:34:25.031+05:30ब्लॉग की नई पोस्ट के ईमेल प्रचारकों से आज़ादी चाहिए?सर्वप्रथम स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को बधाइयाँ। <br /><br />मुझे एक मित्र ने ईमेल करके कहा कि यार! मैं उन ईमेलों से बहुत परेशान हूँ, जिनमें लोग अपने ब्लॉग की नई पोस्ट की सूचना/प्रचार भेजे होते हैं। दिन भर में कम से कम २० ईमेल इस तरह के आते हैं, वो भी ऐसे लोगों के जिन्हें मैं बिल्कुल नहीं जानता। <br /><br />कल ही मैंने देखा कि इन्हीं चीजों से परेशान होकर <a href="http://podcast.hindyugm.com/2008/08/blog-post_06.html">ऋषि एस॰</a> ने एक तरीका बताया कि ब्लॉगस्पॉट सम्बंधी ईमेल से कैसे मुक्त हुआ जाय। मैंने सोचा कि आज स्वाधीनता दिवस पर लोग तरह-तरह की स्वाधीनता की बात कर रहे हैं। मैं ठहरा तकनीकी आदमी, तो सोचा कि जुगाड़ लगाकर ब्लॉग का प्रचार लिए हुए कचरा ईमेलों से कैसे आज़ाद हुआ जाय, तो, क्यों न इस पर ग्राफिकल मदद की एक पोस्ट बनाई जाय!<br /><br />तो यदि आप भी इस तरह के ईमेलों से परेशान हैं, तो आइए जानते हैं कि <a href="http://www.hindyugm.com">जीमेल</a> में एक फिल्टर लगाकर कैसे सारे ईमेल रोके जा सकते हैं (लगभग ऐसे ही याहूमेल, रेडिफमेल, हॉटमेल इत्यादि सर्विसों में फिल्टर लगाया जा सकता है)।<br /><br />१॰ अपने जीमेल में लॉगिन होने के पश्चात, दायीं तरफ, बिलकुल ऊपर देखें, सेटिंस्स (Settings) का विकल्प दिखेगा। उसपर क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_05.jpg"><br /><br />२॰ ढेरों विकल्प आ जायेंगे, उसमें से आप फिल्टर्स (Filters) पर क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_06.jpg"><br /><br />३॰ फिर Create a new filter का विकल्प आयेगा, उस पर क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_07.jpg"><br /><br />४॰ निम्न तस्वीर की भाँति कुछ फॉर्म खुल जायेंगे।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_01.jpg"><br /><br />५॰ Has the words का फील्ड देखें, उसमें blogspot टाइप करें। और नीचे मध्य वाले बटन (Test search) पर क्लिक करके सुनिश्चित करें कि अब तक के कितने ईमेल में blogspot नाम का शब्द उपस्थित है।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_02.jpg"><br /><br />आप पायेंगे कि बहुत से ऐसे भी ईमेल हैं जिनमें आपके मित्रों, परिचितों या खुद के ब्लॉग से संबंधित बाते हैं। शायद आप उन्हें कभी न हटाना चाहें। इसका भी उपाय है।<br /><br />६॰ मान लें आपको merekavimitra.blogspot.com से संबंधित ईमेलों से परेशानी नहीं है, तो Doesn't have फील्ड में टाइप करें merekavimitra.blogspot.com और फिर से (Test search) पर क्लिक करें, और सुनिश्चित करें कि पहले से फिल्टर्ड ईमेल में क्या अब कोई merekavimitra.blogspot.com से संबंधित ईमेल है? आप पायेंगे नहीं। मतलब आपका काम हो चुका है। अब आप Next Step पर क्लिक करें।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_03.jpg"><br /><br />७॰ निम्न चित्र की भाँति कुछ विकल्प खुल जायेंगे। आप Skip the inbox (archive it) का बटन checked कर दें। इससे आपको blogspot के अवांछित ईमेल नहीं आयेंगे, लेकिन जीमेल में सुरक्षित रहेंगे। बाद में देखना चाहें तो All mail के विकल्प से देख सकते हैं। Creat Filter पर क्लिक करके वांछित फिल्टर बना लें।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/avoid_blogspot_mail_04.jpg"><br /><br />इस प्रकार आप अनगिनत फिल्टर बना सकते हैं और किसी भी तरह के अवांछित मेलों से आज़ादी (छुटकारा) पा सकते हैं।<br /><br />ऐसे ही यदि आप अन्य ब्लॉग URLs से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो फिल्टर बना सके हैं। wordpress ke ब्लॉग के स्पैम से आज़ादी के लिए Has the words में wordpress लिखें और जिस ब्लॉग पते को फिल्टर नहीं करना चाहते, उसे Doesn't have में वो पता भरें। Wordpress के ब्लॉगों के लिए फिल्टर तैयार हो जायेगा।<br /><br />और कोई सवाल हो तो लिखें।शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com24tag:blogger.com,1999:blog-8351291112405896272.post-91238114292337995302008-08-05T10:31:00.003+05:302009-03-03T12:54:02.120+05:30ऑडेसिटी से अपनी आवाज़ रिकॉर्ड कैसे करें<strong>पॉडकास्टिंग क्या है?</strong><br />पॉडकास्टिंग ब्लॉगिंग का प्रकार है जिसमें हम ध्वनि रूप में अपनी पोस्ट प्रकाशित करते हैं।<br />बहुत से मित्रों ने मुझे ईमेल किया और पूछा कि अपनी आवाज़ कैसे रिकॉर्ड करें। मैंने काफी खोजबीन के बाद यह पाया कि <strong>ऑडेसिटी (Audacity)</strong> रिकॉडिंग का सबसे सरल टूल है, जो मुफ़्त उपलब्ध है।<br /><br />रिकॉर्डिंग के लिए आपके पास एक माइक का होना आवश्यक है। माइक अलग से खरीद सकते हैं। वैसे आजकल <strong>'हैडफोन के साथ माइक'</strong> वाला उत्पाद खरीदना लोग अधिक पसंद करते हैं। नीचे का चित्र देखें-<br /><a href="http://www.global-b2b-network.com/direct/dbimage/50309917/Headphone.jpg"><img style="MARGIN: 0px 10px 10px 0px; WIDTH: 200px; CURSOR: hand" alt="" src="http://www.global-b2b-network.com/direct/dbimage/50309917/Headphone.jpg" border="0" /></a><br /><br />सर्वप्रथम नीचे के लिंक से ऑडेसिटी डाऊनलोड कर लें।<br /><br /><strong><a href="http://audacity.sourceforge.net/download/">Audacity Download</a></strong><br /><br />फिर उसे अपने सिस्टम में (कम्प्यूटर में) इंस्टॉल करें।<br /><br />इंस्टॉल करने के बाद ऑडेसिटी खुल जायेगा (लॉन्च हो जायेगा)। रिकॉर्डिंग शुरू करने से पहले निम्न बदलाव करें।<br /><br /><ol><li> प्रीफ्रेंसेस तय करें</li><br /><br /><img src="http://www.guidesandtutorials.com/image-files/audacity-preferences2.jpg" align="center"><br /><br /><li>ऑडियो इनपुट/आऊटपुट सेट करें</li><br />Mono चुनना बेहतर होगा क्योंकि पॉडकास्ट में हम बैकग्राउंड संगीत डालना पसंद करते हैं, इससे उसमें सुविधा होती है।<br /><br /><img src="http://www.guidesandtutorials.com/image-files/audacity-preferences3.jpg" align="center"><br /><br /><li>प्लैबैक आऊटपुट सेट करें</li><br /><br /><img src="http://www.guidesandtutorials.com/image-files/audacity-preferences4.jpg" align="center"><br /><br /><li>रोकॉर्डिंग इनपुट सेट करें</li><br /><br /><img src="http://www.guidesandtutorials.com/image-files/audacity-preferences5.jpg" align="center"><br /><br /><li>Sound Quality (ध्वनि गुणवत्ता) सुनिश्चित करें।</li></ol><br /><br /><img src="http://www.guidesandtutorials.com/image-files/audacity-preferences6.jpg" align="center"><br /><br /><strong>अब हम रोकॉर्डिंग की तरफ बढ़ते हैं।</strong><br /><br />ऑडेसिटी लॉन्च होने के बाद <strong>File</strong> में जाकर <strong>'New'</strong> चुनें। कुछ इस तरह का नज़ारा दिखाई देगा। रिकॉर्डिंग शुरू करने के लिए लाल रंग के गोल बटन को दबा कर बोलना शुरु कीजिए। पहले कुछ छोटा वाक्य बोलकर यह चैक करें कि आपके ऑडियो उपकरण ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/Audacity_Help_01.jpg" align="center"><br /><br />बोलना बन्द करते ही रिकॉर्डिंग बन्द करने के लिए स्टॉप का पीला बटन दबाइए<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/Audacity_Help_02.jpg" align="center"><br /><br />जामुनी (या हरा) रंग के बटन को दबा कर अपनी रिकॉर्डिंग सुनिए<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/Audacity_Help_03.jpg" align="center"><br /><br />अगर आपको अपनी आवाज़ मे कोई कमी दिखती है तो ऑडिसिटी में ऐफैक्ट आइकॉन (Effect) दबा कर<br />उस कमी को दूर कर सकते हैं।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/Audacity_Help_04.jpg" align="center"><br /><br />रिकॉर्डिंग सुरक्षित (To save recording) 'File' पर क्लिक करके 'Save Project' या 'Save Project As' के स्थान पर 'Export As MP3' का विकल्प चुनें (चूँकि MP3 फाइलों को तमाम मीडिया प्लेयरों में चलाया जा सकता है, इसे वेब पर भी आसानी से अपलोड किया जा सकता है, चूँकि MP3 फाइलों की साइज़ छोटी होती है, अतः आसानी से ईमेल द्वारा भेजा भी जा सकता है)।<br /><br /><img src="http://i173.photobucket.com/albums/w76/bharatwasi001/emadad/Audacity_Help_05.jpg" align="center"><br /><br />जब आप पहली दफ़ा <strong>'Export As MP3'</strong> पर क्लिक करेंगे तो Audacity आपसे पूछेगा कि <strong>lame_enc.dll</strong> नाम की फाइल कहाँ है। चूँके आपके कम्प्यूटर पर यह फाइल पहले से नहीं होगी, इसलिए इसे डाऊनलोड करना होगा। <a href="http://hindyugm.googlepages.com/libmp3lame-win-3.97.zip">libmp3lame-win-3.97.zip</a> से डाऊनलोड करें, चूँकि यह zip फाइल है, अतः डाऊनलोड करने के बाद आप इसे unzip करेंगे। आप इस फाइल को कहीं भी सुरक्षित (Save) कर सकते हैं। 'Export As MP3' विकल्प में इस lame_enc.dll को Locate कर लें। आपका फाइल MP3 प्रारूप में आयात होने लगेगा।<br /><br /><strong>नोट-</strong> libmp3lame-win-3.97.zip डाउनलोड करते वक्त बहुत सम्भव है कि <a href="http://hindyugm.googlepages.com/libmp3lame-win-3.97.zip">लिंक पर</a> सीधे क्लिक करने से डाउनलोडिंग शुरू ना हो, उस परिस्थिति में <a href="http://hindyugm.googlepages.com/libmp3lame-win-3.97.zip">उस लिंक पर</a> दाया क्लिक (Right Click) करें और Save Target As का विकल्प चुनें।<br /><br />यूट्यूब पर बहुत से वीडियो ट्यूटोरियल भी उपलब्ध हैं। <strong>मीनाक्षी धनवंतरि</strong> के सुपुत्र <strong>वरूण</strong> ने हमारे लिए निम्न दो वीडियो खोज भेजा है।<br /><br /><strong>Audacity Tutorial: Part I</strong><br /><object width="425" height="344"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/lrPGMjZORCM&hl=en&fs=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/lrPGMjZORCM&hl=en&fs=1" type="application/x-shockwave-flash" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br /><br /><strong>Audacity Tutorial: Part II</strong><br /><object width="425" height="344"><param name="movie" value="http://www.youtube.com/v/6txQRfptawE&hl=en&fs=1"></param><param name="allowFullScreen" value="true"></param><embed src="http://www.youtube.com/v/6txQRfptawE&hl=en&fs=1" type="application/x-shockwave-flash" allowfullscreen="true" width="425" height="344"></embed></object><br /><br />इससे जुड़ा कोई सवाल हो या ऑडेसिटी इस्तेमाल करने में कोई परेशानी आवें तो लिखें।<br /><br /><a href="http://www.guidesandtutorials.com/audacity-tutorial.html">बृहद ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।</a>शैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.com34