ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि से हिन्दी में टाइप करने का सर्वोत्तम टूल
ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि में यूनिकोड-हिन्दी में लिखने वाले लोगों के लिए एक खुशख़बरी है। माइक्रोसाफ्ट ने आईएलआईटी (इंडिक लैंग्वेज इनपुट टूल) नाम से अपना एक उत्पाद ज़ारी किया है, जिसके वेब (केवल ऑनलाइन इस्तेमाल के लिए) और डेस्टटॉप (माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ में किसी भी अनुप्रयोग में ऑफलाइन तथा ऑनलाइन प्रयोग के लिए) दोनों ही संस्करण उपलब्ध हैं। इस टूल में उन सभी समस्याओं से छूटकारा पा लिया गया है जो गूगल आईएमई टूल में मौज़ूद हैं। इस टूल की मदद से हिन्दी के अलावा बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलगू भाषाओं में टाइपिंग की जा सकती है।
माइक्रोसाफ्ट आईएलआईटी की खूबियाँ-
1) यह डाउनलोड करने में बहुत सरल है और इसके सेट-अप को एक बार डाउनलोड करके कई कम्प्यूटर मशीनों पर संस्थापित किया जा सकता है। (गूगल का सेट-अप यह सुविधा सीधे तौर पर प्रदान नहीं करता। यद्यपि इसका एक जुगाड़ ई-पंडित ने लिखा है)।
2) गूगल आईएमई की भाँति यह टूल भी आपकी पसंदों को याद रखता है और अगली बार निश्चित अक्षरयुग्मों से वहीं परिणाम देता है, जो आप चाहते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप karan टाइप करें तो पहले विकल्प के तौर पर यह आपको ‘कारण’ दिखायेगा, लेकिन मान लीजिए आप अंग्रेजी के इन अक्षरों से ‘कारण’ की जगह ‘करण’ या ‘करन’ लिखना चाहते हैं, तो एरो-की या माउस से अपना वांछित शब्द चुनें, अगली बार आप जब भी आप इस टूल से अपने सिस्टम पर karan टाइप करेंगे, तो यह आपकी पसंद को ध्यान में रखते हुए परिणाम देगा। घबराए नहीं, यदि आप उसके बाद अपनी पसंद में हेर-फेर भी करना चाहें, तो कर सकते हैं।
3) अंतरराष्ट्रीय अंक-प्रणालीः हिन्दी के ज्यादातर टाइपिंग टूलों की एक समस्या यह है कि वे अंकों को हिन्दी अंकों के रूप में प्रदर्शित करते हैं, जबकि भारतीय अंक प्रणाली, जिसे दुनिया भर में इंडो-अरैबिक अंकीय प्रणाली के नाम से भी जाना जाता है, को अंतरराष्ट्रीय मानक के तौर पर स्वीकार किया जा चुका है। लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि हिन्दी टाइपिंग टूलों में पुराने स्थानीय अंकीय प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता रहा है। गूगल आईएमई भी हिन्दी अंकों का ही इस्तेमाल करता है। लेकिन माइक्रोसाफ्ट के इस टूल में अंकों के अंतरराष्ट्रीय स्वरूपों को ही पहली प्राथमिकता दी गई है। लेकिन यदि आप पुरानी अंकीय प्रणाली ही पसंद करते हैं तो दूसरे विकल्प के तौर पर वह भी मौज़ूद है। आप अंकों के लिए केवल एक बार अपनी पसंद निर्धारित कर लें तो यह आगे से अंकों को आपकी पसंद के हिसाब से वैयक्तिक करेगा। आप विकल्प में जाकर हमेशा के लिए अंकों को प्रदर्शित करने की अपनी पसंद भी निर्धारित कर सकते हैं।
4) पूर्ण विराम (डंडा या खड़ी पाई) की उपस्थितिः हिन्दी कम्प्यूटिंग के यदि वेब-संसार को देखें तो हिन्दी टाइपिंग की एक नई परम्परा विकसित होती दिखायी पड़ती है। हिन्दी के पूर्ण विराम के स्थान पर अंग्रेजी का डॉट (.) या फुल स्टॉप का प्रयोग बहुतायत हो रहा है। बहुत सी प्रतिष्ठित ई-पत्रिकाएँ भी इस परम्परा की पोषक रही हैं। असल में हिन्दी टाइपिंग में यह चलन इसलिए भी चल पड़ा है, क्योंकि हिन्दी टाइपिंग का अधिकतम प्रचलित टूल गूगल आईएमई हिन्दी पूर्ण विराम (डंडा) टाइप करने का विकल्प प्रदान नहीं करता। जहाँ तक मेरी जानकारी है लगभग सभी ऑनलाइन टाइपिंग टूलों (यूनिनागरी को छोड़कर) में हिन्दी पूर्ण विराम का चिह्न अनुपस्थित है। ऑफलाइन टाइपिग टूलों जैसे- बरह, माइक्रोसॉफ्ट इंडिक आईएमई, हिन्दी टूल किट, कैफेहिन्दी इत्यादि में यह सुविधा उपलब्ध है। माइक्रोसॉफ्ट का यह टूल पूर्ण विराम के चिह्न से लैश है। जैसे ही आप डॉट टाइप करेंगे यह टूल उसे ‘।‘ में बदल देगा। यद्यपि यह . का विकल्प भी देगा।
5) अंग्रेजी शब्द-संक्षेपों को देवनागरी में लिखनाः इस टूल का यह बहुत खास फीचर है। अभी तक सभी लिप्यांतरण टूलों से अंग्रेजी के शब्द-संक्षेपों (संक्षेपाक्षरों) को देवनागरी में लिखने में बहुत अधिक असुविधा होती थी। जैसे मान लें कि आपको WHO, RBI, IIT, IIM इत्यादि को देवनागरी में लिखना है, आप इस टूल से जैसे ही किसी अक्षरयुग्म को पूरा का पूरा कैपिटल लैटर्स में टाइप करेंगे, यह टूल आपको पहले विकल्प के तौर पर उस शब्द-संक्षेप का देवनागरी संस्करण प्रदान करेगा।
अपने सिस्टम में इस टूल को इंस्टॉल कैसे करें
सबसे पहले अपने वेबब्राउजर में http://www.bhashaindia.com/ilit/ लिंक खोलें। अब आपको यहाँ तीन विकल्प मिलेंगे। पहला रास्ता तो यह है कि आप वहाँ बने टाइपिंग बॉक्स में रोमन में हिन्दी में लिखना शुरू करें और कॉपी-पेस्ट विधि से जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ इस्तेमाल करें।
आप चाहें तो इस टूल का मात्र वेब-संस्करण ही इंस्टॉल करके काम चला सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। उपर्युक्त लिंक-पेज़ पर उपलब्ध ‘Install Web Version’ बटन पर क्लिक करें और निर्देशों का पालन करें। आप लगभग सभी प्रचलित ब्राउजरों में इसे इंस्टॉल कर सकते हैं।
यदि आप इस टूल का प्रयोग विंडोज़ के सभी अनुप्रयोगों में करना चाहते हैं तो ‘Install Desktop Version’ पर क्लिक करें। यह टूल विंडोज़ 7, विडोंज़ विस्टा या विंडोज़ एक्स पी SP2+ (32-bit) में से किसी भी सिस्टम में संस्थापित किया जा सकता है। आपके कम्प्यूटर में कम से कम 512 MB का RAM होना ज़रूरी है, और साथ ही साथ 1 GHz 32-bit (x86) या 64-bit (x64) प्रोसेसर होना चाहिए।
XP प्रयोक्ताओं के लिए
यदि आपके सिस्टम में पहले से Microsoft .Net Framework 2.0 और Mircosoft Windows Installer 3.1 नहीं हैं, तो इस टूल का सेट-अप पहले इन्हें डाउनलोड करके इंस्टॉल करेगा। आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, ये काम यह टूल स्वयं कर लेगा। इन दोनों के इंस्टॉल होने के बाद आपका सिस्टम अपने आप रिस्टार्ट होगा। इसके बाद सेट-अप अपने आप चलेगा और इंस्टॉलेशन पूरा होगा। रिस्टार्ट होने के बाद यदि सेट-अप अपने आप नहीं चालू होता, तो उसे मैनुअली चलाएँ। अतः आपको सलाह दी जाती है कि जब आप इस टूल का सेट-अप डाउनलोड करें, तो सीधे ‘Run’ पर क्लिक करने की बजाय, ‘Save’ पर क्लिक करें।
इंस्टॉलेशन के बाद अलग-अलग मशीनों में इसे किस तरह से संचालित किया जाय, इसका सचित्र विवरण इस टूल की वेबसाइट पर उपलब्ध है। फिर भी यदि आप इस टूल को इंस्टॉल करने में किसी प्रकार की असुविधा का अनुभव करें तो मुझे लिखें, मैं उस ट्यूटोरिल को सरल भाषा में लिखने का प्रयास करूँगा।
माइक्रोसाफ्ट आईएलआईटी की खूबियाँ-
1) यह डाउनलोड करने में बहुत सरल है और इसके सेट-अप को एक बार डाउनलोड करके कई कम्प्यूटर मशीनों पर संस्थापित किया जा सकता है। (गूगल का सेट-अप यह सुविधा सीधे तौर पर प्रदान नहीं करता। यद्यपि इसका एक जुगाड़ ई-पंडित ने लिखा है)।
2) गूगल आईएमई की भाँति यह टूल भी आपकी पसंदों को याद रखता है और अगली बार निश्चित अक्षरयुग्मों से वहीं परिणाम देता है, जो आप चाहते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप karan टाइप करें तो पहले विकल्प के तौर पर यह आपको ‘कारण’ दिखायेगा, लेकिन मान लीजिए आप अंग्रेजी के इन अक्षरों से ‘कारण’ की जगह ‘करण’ या ‘करन’ लिखना चाहते हैं, तो एरो-की या माउस से अपना वांछित शब्द चुनें, अगली बार आप जब भी आप इस टूल से अपने सिस्टम पर karan टाइप करेंगे, तो यह आपकी पसंद को ध्यान में रखते हुए परिणाम देगा। घबराए नहीं, यदि आप उसके बाद अपनी पसंद में हेर-फेर भी करना चाहें, तो कर सकते हैं।
3) अंतरराष्ट्रीय अंक-प्रणालीः हिन्दी के ज्यादातर टाइपिंग टूलों की एक समस्या यह है कि वे अंकों को हिन्दी अंकों के रूप में प्रदर्शित करते हैं, जबकि भारतीय अंक प्रणाली, जिसे दुनिया भर में इंडो-अरैबिक अंकीय प्रणाली के नाम से भी जाना जाता है, को अंतरराष्ट्रीय मानक के तौर पर स्वीकार किया जा चुका है। लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि हिन्दी टाइपिंग टूलों में पुराने स्थानीय अंकीय प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता रहा है। गूगल आईएमई भी हिन्दी अंकों का ही इस्तेमाल करता है। लेकिन माइक्रोसाफ्ट के इस टूल में अंकों के अंतरराष्ट्रीय स्वरूपों को ही पहली प्राथमिकता दी गई है। लेकिन यदि आप पुरानी अंकीय प्रणाली ही पसंद करते हैं तो दूसरे विकल्प के तौर पर वह भी मौज़ूद है। आप अंकों के लिए केवल एक बार अपनी पसंद निर्धारित कर लें तो यह आगे से अंकों को आपकी पसंद के हिसाब से वैयक्तिक करेगा। आप विकल्प में जाकर हमेशा के लिए अंकों को प्रदर्शित करने की अपनी पसंद भी निर्धारित कर सकते हैं।
4) पूर्ण विराम (डंडा या खड़ी पाई) की उपस्थितिः हिन्दी कम्प्यूटिंग के यदि वेब-संसार को देखें तो हिन्दी टाइपिंग की एक नई परम्परा विकसित होती दिखायी पड़ती है। हिन्दी के पूर्ण विराम के स्थान पर अंग्रेजी का डॉट (.) या फुल स्टॉप का प्रयोग बहुतायत हो रहा है। बहुत सी प्रतिष्ठित ई-पत्रिकाएँ भी इस परम्परा की पोषक रही हैं। असल में हिन्दी टाइपिंग में यह चलन इसलिए भी चल पड़ा है, क्योंकि हिन्दी टाइपिंग का अधिकतम प्रचलित टूल गूगल आईएमई हिन्दी पूर्ण विराम (डंडा) टाइप करने का विकल्प प्रदान नहीं करता। जहाँ तक मेरी जानकारी है लगभग सभी ऑनलाइन टाइपिंग टूलों (यूनिनागरी को छोड़कर) में हिन्दी पूर्ण विराम का चिह्न अनुपस्थित है। ऑफलाइन टाइपिग टूलों जैसे- बरह, माइक्रोसॉफ्ट इंडिक आईएमई, हिन्दी टूल किट, कैफेहिन्दी इत्यादि में यह सुविधा उपलब्ध है। माइक्रोसॉफ्ट का यह टूल पूर्ण विराम के चिह्न से लैश है। जैसे ही आप डॉट टाइप करेंगे यह टूल उसे ‘।‘ में बदल देगा। यद्यपि यह . का विकल्प भी देगा।
5) अंग्रेजी शब्द-संक्षेपों को देवनागरी में लिखनाः इस टूल का यह बहुत खास फीचर है। अभी तक सभी लिप्यांतरण टूलों से अंग्रेजी के शब्द-संक्षेपों (संक्षेपाक्षरों) को देवनागरी में लिखने में बहुत अधिक असुविधा होती थी। जैसे मान लें कि आपको WHO, RBI, IIT, IIM इत्यादि को देवनागरी में लिखना है, आप इस टूल से जैसे ही किसी अक्षरयुग्म को पूरा का पूरा कैपिटल लैटर्स में टाइप करेंगे, यह टूल आपको पहले विकल्प के तौर पर उस शब्द-संक्षेप का देवनागरी संस्करण प्रदान करेगा।
अपने सिस्टम में इस टूल को इंस्टॉल कैसे करें
सबसे पहले अपने वेबब्राउजर में http://www.bhashaindia.com/ilit/ लिंक खोलें। अब आपको यहाँ तीन विकल्प मिलेंगे। पहला रास्ता तो यह है कि आप वहाँ बने टाइपिंग बॉक्स में रोमन में हिन्दी में लिखना शुरू करें और कॉपी-पेस्ट विधि से जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ इस्तेमाल करें।
आप चाहें तो इस टूल का मात्र वेब-संस्करण ही इंस्टॉल करके काम चला सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। उपर्युक्त लिंक-पेज़ पर उपलब्ध ‘Install Web Version’ बटन पर क्लिक करें और निर्देशों का पालन करें। आप लगभग सभी प्रचलित ब्राउजरों में इसे इंस्टॉल कर सकते हैं।
यदि आप इस टूल का प्रयोग विंडोज़ के सभी अनुप्रयोगों में करना चाहते हैं तो ‘Install Desktop Version’ पर क्लिक करें। यह टूल विंडोज़ 7, विडोंज़ विस्टा या विंडोज़ एक्स पी SP2+ (32-bit) में से किसी भी सिस्टम में संस्थापित किया जा सकता है। आपके कम्प्यूटर में कम से कम 512 MB का RAM होना ज़रूरी है, और साथ ही साथ 1 GHz 32-bit (x86) या 64-bit (x64) प्रोसेसर होना चाहिए।
XP प्रयोक्ताओं के लिए
यदि आपके सिस्टम में पहले से Microsoft .Net Framework 2.0 और Mircosoft Windows Installer 3.1 नहीं हैं, तो इस टूल का सेट-अप पहले इन्हें डाउनलोड करके इंस्टॉल करेगा। आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, ये काम यह टूल स्वयं कर लेगा। इन दोनों के इंस्टॉल होने के बाद आपका सिस्टम अपने आप रिस्टार्ट होगा। इसके बाद सेट-अप अपने आप चलेगा और इंस्टॉलेशन पूरा होगा। रिस्टार्ट होने के बाद यदि सेट-अप अपने आप नहीं चालू होता, तो उसे मैनुअली चलाएँ। अतः आपको सलाह दी जाती है कि जब आप इस टूल का सेट-अप डाउनलोड करें, तो सीधे ‘Run’ पर क्लिक करने की बजाय, ‘Save’ पर क्लिक करें।
इंस्टॉलेशन के बाद अलग-अलग मशीनों में इसे किस तरह से संचालित किया जाय, इसका सचित्र विवरण इस टूल की वेबसाइट पर उपलब्ध है। फिर भी यदि आप इस टूल को इंस्टॉल करने में किसी प्रकार की असुविधा का अनुभव करें तो मुझे लिखें, मैं उस ट्यूटोरिल को सरल भाषा में लिखने का प्रयास करूँगा।