Tuesday, August 26, 2008

कोई फ्री में वेबसाइट (डोमेन) दे तो थोड़ा सावधान रहें

अभी-अभी कुन्नू सिंह के ब्लॉग Kunnublog पर पढ़ा कि उन्हें मुफ़्त की वेबसाइट http://www.hindimaja.com/ मिल गई है वो भी निम्न फीचरों के साथ।


  • 1 जीबी वेब-स्पेस

  • अनलिमिटेड बैंडविथ

  • अनलिमिटेड ईमेल्स (जैसे यदि मैं वहाँ से www.kunnusingh.com मुफ्त में ले लूँ तो मैं admin@kunnusingh.com, info@kunnusingh.com, contact@kunnusingh.com तरह की अनगिनत ईमेल आईडी बना सकता हूँ।)

  • अपने पसंद की स्क्रिप्ट (जैसे ब्लॉग, CSS या फोरम)

  • ईमेल द्वारा मुफ़्त तकनीकी मदद

  • पेज़ रैंक तथा ट्रैफिक बढ़ाने हेतु मुफ़्त की ट्रिक्स और टिप्स (जुगाड़)



सावधान!!
लेकिन, यदि आप भी इस तरह के लुभावने वेबसाइटों पर जायें, तो सावधान रहें। वेबसाइट रिक्वेस्ट करते वक़्त उनके नियमों व शर्तों को पढ़े लें। कुन्नू सिंह के पोस्ट के माध्यम से मैंने यह खोजा कि इनको सुविधा कैसे मिली? http://www.hyperwebenable.com नाम की वेबसाइट यह सुविधा दे रही है। इससे पहले भी मैं इस तरह की १-२ वेबसाइट देख चुका हूँ। मैंने http://www.hyperwebenable.com के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ा तो पाया कि आपको यह वेबसाइट मात्र ४५ दिनों के लिए दी जाती है, यानी यह ग्रेस पीरियड है। यह पीरियड आगे तभी बढ़ेगा जबकि-

  • आपका डोमेन सक्रिय हो

  • कम से कम रोज़ाना 100 पेज व्यू हो

  • या कम से कम औसत 3000 पेज़ व्यू प्रति माह का हो।



जिनकी ट्रैफिक कम है, उनको होने वाले नुकसान-

  • शर्तों में साफ लिखा है कि यदि आप उपर्युक्त आँकड़े नहीं छू पाते हैं तो आपका डोमेन असक्रिय कर दिया जायेगा।

  • मान लीजिए आप हिन्दी प्रेमी नाम से एक वेबसाइट बनाना चाहते हैं, आप http://www.hyperwebenable.com के माध्यम से www.hindipremi.com पंजीकृत कर लेते हैं। अब यदि आप इनकी शर्तें पूरी नहीं कर पाते हैं तो आपका डोमने असक्रिय कर दिया जायेगा और http://www.hyperwebenable.com के पूरे अधिकार होंगे कि वे इसे किसी और को दे दें या बेंच दें।

    और वैसे भी अब Rs 300-Rs 400 में डॉट कॉम डोमेन मिल जाता है (एक वर्ष का किराया), फीर मात्र रु ४०० के लिए अपना डोमेन दूसरों के हाथ में क्यों जाने दें।


  • आपको C pannel एक्सेस नहीं मिलेगा, यानी मन माफिक परिवर्तन भी करना चाहें तो http://www.hyperwebenable.com के थ्रू ही हो पायेगा।



सबसे बड़ा नुकसान
http://www.hyperwebenable.com से मिले डोमेन के पृष्ठों पर यदि आप अपने ऐड (जैसे गूगल ऐड सेंस) लगाना चाहें तो लगा सकते हैं, लेकिन साथ-साथ आपको http://www.hyperwebenable.com द्वारा दिखाये जाने वाले विज्ञापन को भी दिखाना होगा। यानी यदि आपका ट्रैफिक ज्यादा है तो http://www.hyperwebenable.com वाले साल भर में आपके ब्लॉग से कई हज़ार कमायेंगे और आप मात्र रु ४०० बचायेंगे।

यदि आपने http://www.hyperwebenable.com द्वारा दिखाये जाने वाले विज्ञापनों में कोई छेड़-छाड़ की, उन्हें हटाया तो आपका डोमेन डीएक्टिवेट कर दिया जायेगा।

ब्लॉगस्पॉट के एड्रैस हो सकता है बताने में, टाइप करने में ठीक न लगते हों, लेकिन कम से कम इस तरह की दखल-अंदाज़ी तो नहीं करते।

जो ब्लॉगिंग या वेबपोस्टिंग पहले से करते होंगे उन्हें याद होगा कि www.lycos.com (या www.tripod.com) , www.geocities.com (याहू की सर्विस) भी फ्री में यूआरएल देते थे (जैसे shailesh.tripod.com) , लेकिन ज्यादातर blogspot या wordpress इसलिए इस्तेमाल करने लगे क्योंकि ये सर्विसें अपना विज्ञापन नहीं ठूँसतीं।

मतलब यह कि आपका ट्रैफिक चाहे कम हो या ज्यादा आप रहेंगे नुकसान में ही। अब फैसला आपके हाथ में है।

कोई शंका हो तो लिखें।

Saturday, August 23, 2008

पेज़-रैंक के माध्यम से चिट्ठों की दुनिया का विश्लेषण

जानें अपने ब्लॉग की पेज़-रैंक। कौन-कौन से ब्लॉग की है सबसे अधिक पेज़रैंक। अपने ब्लॉग पर अपना ब्लॉग की पेज़ रैंक जोडें






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कल अंकित के तकनीकी ब्लॉग 'Pratham' पर पढ़ा कि लोगों को पेज़ रैंक कैलकुलेट करने में असुविधा हो रही है। वस्तुतः बात ये है कि अंकित ने पेज-रैंक कैलकुलेट करने के जिस वेबसाइट (http://pr.blogflux.com ) का ज़िक्र किया है, वो बहुत कम यूज़र-फ्रैंडली साइट है। अगर मेरी बात पर भरोसा न हो तो 'मोहल्ला' जाकर देखें, जबकि मोहल्ला की पेज़-रैंक 4 है, लेकिन http://pr.blogflux.com/ 0 दिखा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अविनाश यह नहीं समझ पाये कि सही पेज़ रैंक कैसे लगायें अपने ब्लॉग पर।

पहले हम अंकित की बातों को आगे बढ़ाते हुए पेज़-रैंक को समझ लें। आम बोल-चाल की भाषा में समझे तो पेज़-रैंक आपके ब्लॉग/वेबसाइट के पृष्ठों का गूगल सर्च इंजन में दिखाई देने का वरीयता क्रमांक है। यह ध्यान रखें कि गूगल दुनिया के सभी वेबपृष्ठों का पेज-रैंक बनाता है। किसी पृष्ठ का पेज़ रैंक 500 मिलियन चरों (variables) और २ बिलियन पदों (terms) पर निर्भर करता है। जिस पृष्ठ की पेज़ रैंक जितनी अधिक होगी, उसके गूगल खोज परिणाम उतना ऊपर दिखने की सम्भावना होगी। जिसमें सबसे अहम रोल आपके पृष्ठ के इनकमिंग लिंकों का है। मतलब आपके पृष्ठ का जिक्र दुनिया भर में जितनी ज्यादा जगह होगा, आपके पृष्ठ की पेज़ रैंक उतनी अधिक होगी। याद रखें कि किसी संम्पूर्ण वेबसाइट/ब्लॉग की पेज़-रैंक कुछ तो उसी वेबसाइट/ब्लॉग के किसी खास पृष्ठ की पेज़ रैंक कुछ और हो सकती है।

मोटे-मोट तौर पर कहें तो आपका ब्लॉग जितने अधिक ब्लॉगों, वेब डायरेक्टरियों इत्यादि पर लिंकित होगा, पेज़ रैंक उतनी अधिक होगी। आप चिट्ठाजगत द्वारा दिये जाने वाले सक्रियता क्रमांक को भी एक तरह का पेज़ रैंक समझ सकते हैं। लेकिन चूँकि यह 'टर्म' गूगल की देन है, इसलिए हम कर नहीं सकते । लेकिन चिट्ठाजगत वाले भी आपके ब्लॉग के करोड़ ना सही, कुछ पहलुओं का इस्तेमाल करके, सक्रियता क्रमांक देते हैं। इसलिए इसका भी अलग महत्व है।

यह भी ध्यान रखें कि पेज़-रैंक आपके ब्लॉग की ट्रैफिक नहीं बताता, बल्कि गूगल खोज में आने की प्रायिकता बताता हूँ। लेकिन अब जबकि लोगों की वेब-सर्फिंह हैबिट बदल रही है, लोग डायरेक्ट लिंक खोलकर आने की बजाय सर्च से आते हैं (अपनी ज़रूरत की चीज़ों को खोजतेर), इसलिए गूगल सर्च से आपके पास उसी अनुपात में लोग पहुँचेंगे, जिस अनुपात आपकी रैंक होगी। गूगल की पेज रैंक 10, याहू की 9 तथा एमएसएन और एवोएल की पेज़-रैंक क्रमशः 8-8 है।

हिन्दी के ब्लॉग और ब्लॉग एग्रीगेटरों के पेज़ रैंक पर मैंने गहन पड़ताल की है और पाया है कि हिन्दी के दो ऐसे ब्लॉग है जिनका पेज़ रैंक 5 हैं। एक तो आलोक कुमार का 'नौ दो ग्यारह' जिसे हिन्दी का पहला ब्लॉग होने का गौरव प्राप्त है। और दूसरा है सबसे मशहूर ब्लॉगर रवि रतलामी का हिन्दी ब्लॉग। रवि-रतलामी पहले ऐसे हिन्दी ब्लॉगर भी हैं, जो अपने ब्लॉगों से धन कमाते हैं। अब इनमें जीतू का नाम भी जुड़ गया है।

हिन्दी ब्लॉग की दुनिया का मेरा अवलोकन

दो प्रसिद्ध ब्लॉग-एग्रीगेटर चिट्ठाजगत और ब्लॉगवाणी की पेज़रैंक 4 है। ज़रा सोचें कि ये दोनों एग्रीगेटरों के लिंक 2000 से भी अधिक ब्लॉगों पर हैं, फिर भी इनके पेज़ रैंक कम हैं। इसकी दो मुख्य वज़हें हैं-

1. इनका नया होना। जबकि आलोक जी का और रवि रतलामी जी का ब्लॉग 2004 में ही शुरू हो गया था।
२॰ ब्लॉग के पृष्ठों का फेवरिट में सुरक्षित होना, डायरेक्टरी में टैग होना, जबकि एग्रीगेटर में ऐसा नहीं हो पाया है।

वहीं ऐसे ढेरों हिन्दी ब्लॉग हैं जिनकी पेज़रैंक 4 है। जिनका मैं चेक कर चुका हूँ उनमें हिन्दिनी (यानी फुरसतिया, ईस्वामी), मोहल्ला, उड़न तश्तरी, हिन्द-युग्म का कविता पृष्ठ, अज़दक, सारथी, एक हिंदुस्तानी की डायरी, मेरा पन्ना, रचनाकार, शब्दों का सफर, मसिजीवी, जोगलिखी, उन्मुक्त, शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग, यूनुस ख़ान का हिंदी ब्‍लॉग : रेडियो वाणी ----yunus khan ka hindi blog RADIOVANI, प्रत्यक्षा, चिट्ठा चर्चा, एक शाम मेरे नाम, घुघूतीबासूती, जो न कह सके, समाजवादी जनपरिषद, गत्यात्मक ज्योतिष्, काकेश की कतरनें, इत्यादि शामिल हैं। यदि आपके ब्लॉग का पेज़-रैंक 4 हो और मुझसे ज़िक्र छूट गया तो बता दें ताकि मैं खुद को अप-टू-डेट कर सकूँ।

हिन्दी के सैकड़ों ऐसे ब्लॉग हैं जिनकी पेज़-रैंक 3 है। पेज़-रैंक का 2 से कम होना अच्छा नहीं माना जाता। मुझे यह जानकर बहुत दुख होता है कि अंग्रेज़ी के बहुत से ऐसे ब्लॉग हैं जिनकी पेज़रैंक 4 या 5 हैं , और वे लाखों में कमा रहे हैं, लेकिन हम हिन्दी वाले अभी हज़ार भी नहीं कमा पा रहे हैं। जबकि यह सच है कि ऑनलाइन एड नेटवर्क की वेबसाइट पेज़रैंक 4 या इससे अधिक वाली वेबसाइट को एड देने से नहीं हिचकिचातीं। लेकिन अफसोस कि वे कहती हैं कि आपकी वेबसाइट का कंटेंट केवल और केवल अंग्रेज़ी में होना चाहिए।

यदि आपके ब्लॉग की पेज़रैंक अभी शून्य है, तब भी घबराने की ज़रूरत नहीं है, नियमित लेखन करें, आप भी 5 पेज-रैंक के मालिक होंगे।

पेज़ रैंक चेक करने का स्मार्ट तरीका

कुछ दिनों पहले मैं किसी ब्लॉग से एक वेबसाइट http://www.compteur.cc/ पर पहुँचा जो ब्लॉग पर तरह-तरह के विज़ेट (widget) लगाने की सुविधा देती है। बहुत ही सुंदर-सुंदर विज़ेट (जिसमें काउँटर, फ्लैश/एनीमेटेड हैडर, एनीमेटेड संदेश, पेज रैंक के विज़ेट शामिल हैं) । पेज़ रैक वाला विज़ेट मैंने हिन्द-युग्म के आवाज़ पृष्ठ पर लगाया भी था। लेकिन इनके विजेट एक ऐसी परेशानी पैदा करते हैं, जो कम से कम अपने पाठकों को बिना किसी लाभ के कोई नहीं देना चाहेगा। एक पॉप-इन विंडो खुलने लगती है, http://www.compteur.cc/ वाले आपको मुफ्त में सेवा तो देते हैं, लेकिन ये साथ-साथ अपने जावा-स्क्रिप्ट में ऐसा खिलवाड़ कर रखा है कि इनके प्रायोजकों का विज्ञापन खुले और वे आर्थिक लाभ कमा पायें। जबकि हम अपने ब्लॉग पर एड नेटवर्क के पॉप-अप/पॉप-इन लगाकर खुद कमा सकते हैं तो फिर http://www.compteur.cc/ को क्यों कमाने दें। इसलिए कम से कम मैं यह सलाह बिलकुल नहीं दूँगा कि आप http://www.compteur.cc/ का विज़ेट इस्तेमाल करें। इनका विज़ेट इतना खराब है कि ये पेज़-लोडिंग टाइम भी बढ़ाता है।

काफी रिसर्च के बाद मैंने पाया कि गूगल की 'अधिकारिक पेज़ रैंक चेक करने वाली वेबसाइट' का दावा करने वाली वेबसाइट http://www.prchecker.info/ सबसे बेहतर और यूज़र फ्रैंडली है। बहुत आसानी से आप भिन्न-भिन्न साइज़ के पेज़-रैंक आइकन (जिसपर आपके ब्लॉग/वेबसाइट का पेज़रैंक भी दिखेगा) लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए हिन्द-युग्म के कविता-पृष्ठ मेरेकविमित्रि का पेज़रैंक इस तरह से दिखेगा (मेरेकविमित्र की पेज़रैंक 4 है)

आपको करना कुछ नहीं है, या तो आप नीचे के फॉर्म में अपने ब्लॉग का पता भरें और पेज़ रैंक यहीं चेक कर लें या इस लिंक से कर लें।



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यदि अपने ब्लॉग के पेज़-रैंक को साइडबार में लगाना चाहते हैं तो यहाँ जायें।

Friday, August 15, 2008

ब्लॉग की नई पोस्ट के ईमेल प्रचारकों से आज़ादी चाहिए?

सर्वप्रथम स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को बधाइयाँ।

मुझे एक मित्र ने ईमेल करके कहा कि यार! मैं उन ईमेलों से बहुत परेशान हूँ, जिनमें लोग अपने ब्लॉग की नई पोस्ट की सूचना/प्रचार भेजे होते हैं। दिन भर में कम से कम २० ईमेल इस तरह के आते हैं, वो भी ऐसे लोगों के जिन्हें मैं बिल्कुल नहीं जानता।

कल ही मैंने देखा कि इन्हीं चीजों से परेशान होकर ऋषि एस॰ ने एक तरीका बताया कि ब्लॉगस्पॉट सम्बंधी ईमेल से कैसे मुक्त हुआ जाय। मैंने सोचा कि आज स्वाधीनता दिवस पर लोग तरह-तरह की स्वाधीनता की बात कर रहे हैं। मैं ठहरा तकनीकी आदमी, तो सोचा कि जुगाड़ लगाकर ब्लॉग का प्रचार लिए हुए कचरा ईमेलों से कैसे आज़ाद हुआ जाय, तो, क्यों न इस पर ग्राफिकल मदद की एक पोस्ट बनाई जाय!

तो यदि आप भी इस तरह के ईमेलों से परेशान हैं, तो आइए जानते हैं कि जीमेल में एक फिल्टर लगाकर कैसे सारे ईमेल रोके जा सकते हैं (लगभग ऐसे ही याहूमेल, रेडिफमेल, हॉटमेल इत्यादि सर्विसों में फिल्टर लगाया जा सकता है)।

१॰ अपने जीमेल में लॉगिन होने के पश्चात, दायीं तरफ, बिलकुल ऊपर देखें, सेटिंस्स (Settings) का विकल्प दिखेगा। उसपर क्लिक करें।



२॰ ढेरों विकल्प आ जायेंगे, उसमें से आप फिल्टर्स (Filters) पर क्लिक करें।



३॰ फिर Create a new filter का विकल्प आयेगा, उस पर क्लिक करें।



४॰ निम्न तस्वीर की भाँति कुछ फॉर्म खुल जायेंगे।



५॰ Has the words का फील्ड देखें, उसमें blogspot टाइप करें। और नीचे मध्य वाले बटन (Test search) पर क्लिक करके सुनिश्चित करें कि अब तक के कितने ईमेल में blogspot नाम का शब्द उपस्थित है।



आप पायेंगे कि बहुत से ऐसे भी ईमेल हैं जिनमें आपके मित्रों, परिचितों या खुद के ब्लॉग से संबंधित बाते हैं। शायद आप उन्हें कभी न हटाना चाहें। इसका भी उपाय है।

६॰ मान लें आपको merekavimitra.blogspot.com से संबंधित ईमेलों से परेशानी नहीं है, तो Doesn't have फील्ड में टाइप करें merekavimitra.blogspot.com और फिर से (Test search) पर क्लिक करें, और सुनिश्चित करें कि पहले से फिल्टर्ड ईमेल में क्या अब कोई merekavimitra.blogspot.com से संबंधित ईमेल है? आप पायेंगे नहीं। मतलब आपका काम हो चुका है। अब आप Next Step पर क्लिक करें।



७॰ निम्न चित्र की भाँति कुछ विकल्प खुल जायेंगे। आप Skip the inbox (archive it) का बटन checked कर दें। इससे आपको blogspot के अवांछित ईमेल नहीं आयेंगे, लेकिन जीमेल में सुरक्षित रहेंगे। बाद में देखना चाहें तो All mail के विकल्प से देख सकते हैं। Creat Filter पर क्लिक करके वांछित फिल्टर बना लें।



इस प्रकार आप अनगिनत फिल्टर बना सकते हैं और किसी भी तरह के अवांछित मेलों से आज़ादी (छुटकारा) पा सकते हैं।

ऐसे ही यदि आप अन्य ब्लॉग URLs से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो फिल्टर बना सके हैं। wordpress ke ब्लॉग के स्पैम से आज़ादी के लिए Has the words में wordpress लिखें और जिस ब्लॉग पते को फिल्टर नहीं करना चाहते, उसे Doesn't have में वो पता भरें। Wordpress के ब्लॉगों के लिए फिल्टर तैयार हो जायेगा।

और कोई सवाल हो तो लिखें।

Tuesday, August 5, 2008

ऑडेसिटी से अपनी आवाज़ रिकॉर्ड कैसे करें

पॉडकास्टिंग क्या है?
पॉडकास्टिंग ब्लॉगिंग का प्रकार है जिसमें हम ध्वनि रूप में अपनी पोस्ट प्रकाशित करते हैं।
बहुत से मित्रों ने मुझे ईमेल किया और पूछा कि अपनी आवाज़ कैसे रिकॉर्ड करें। मैंने काफी खोजबीन के बाद यह पाया कि ऑडेसिटी (Audacity) रिकॉडिंग का सबसे सरल टूल है, जो मुफ़्त उपलब्ध है।

रिकॉर्डिंग के लिए आपके पास एक माइक का होना आवश्यक है। माइक अलग से खरीद सकते हैं। वैसे आजकल 'हैडफोन के साथ माइक' वाला उत्पाद खरीदना लोग अधिक पसंद करते हैं। नीचे का चित्र देखें-


सर्वप्रथम नीचे के लिंक से ऑडेसिटी डाऊनलोड कर लें।

Audacity Download

फिर उसे अपने सिस्टम में (कम्प्यूटर में) इंस्टॉल करें।

इंस्टॉल करने के बाद ऑडेसिटी खुल जायेगा (लॉन्च हो जायेगा)। रिकॉर्डिंग शुरू करने से पहले निम्न बदलाव करें।

  1. प्रीफ्रेंसेस तय करें




  2. ऑडियो इनपुट/आऊटपुट सेट करें

  3. Mono चुनना बेहतर होगा क्योंकि पॉडकास्ट में हम बैकग्राउंड संगीत डालना पसंद करते हैं, इससे उसमें सुविधा होती है।



  4. प्लैबैक आऊटपुट सेट करें




  5. रोकॉर्डिंग इनपुट सेट करें




  6. Sound Quality (ध्वनि गुणवत्ता) सुनिश्चित करें।




अब हम रोकॉर्डिंग की तरफ बढ़ते हैं।

ऑडेसिटी लॉन्च होने के बाद File में जाकर 'New' चुनें। कुछ इस तरह का नज़ारा दिखाई देगा। रिकॉर्डिंग शुरू करने के लिए लाल रंग के गोल बटन को दबा कर बोलना शुरु कीजिए। पहले कुछ छोटा वाक्य बोलकर यह चैक करें कि आपके ऑडियो उपकरण ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं।



बोलना बन्द करते ही रिकॉर्डिंग बन्द करने के लिए स्टॉप का पीला बटन दबाइए



जामुनी (या हरा) रंग के बटन को दबा कर अपनी रिकॉर्डिंग सुनिए



अगर आपको अपनी आवाज़ मे कोई कमी दिखती है तो ऑडिसिटी में ऐफैक्ट आइकॉन (Effect) दबा कर
उस कमी को दूर कर सकते हैं।



रिकॉर्डिंग सुरक्षित (To save recording) 'File' पर क्लिक करके 'Save Project' या 'Save Project As' के स्थान पर 'Export As MP3' का विकल्प चुनें (चूँकि MP3 फाइलों को तमाम मीडिया प्लेयरों में चलाया जा सकता है, इसे वेब पर भी आसानी से अपलोड किया जा सकता है, चूँकि MP3 फाइलों की साइज़ छोटी होती है, अतः आसानी से ईमेल द्वारा भेजा भी जा सकता है)।



जब आप पहली दफ़ा 'Export As MP3' पर क्लिक करेंगे तो Audacity आपसे पूछेगा कि lame_enc.dll नाम की फाइल कहाँ है। चूँके आपके कम्प्यूटर पर यह फाइल पहले से नहीं होगी, इसलिए इसे डाऊनलोड करना होगा। libmp3lame-win-3.97.zip से डाऊनलोड करें, चूँकि यह zip फाइल है, अतः डाऊनलोड करने के बाद आप इसे unzip करेंगे। आप इस फाइल को कहीं भी सुरक्षित (Save) कर सकते हैं। 'Export As MP3' विकल्प में इस lame_enc.dll को Locate कर लें। आपका फाइल MP3 प्रारूप में आयात होने लगेगा।

नोट- libmp3lame-win-3.97.zip डाउनलोड करते वक्त बहुत सम्भव है कि लिंक पर सीधे क्लिक करने से डाउनलोडिंग शुरू ना हो, उस परिस्थिति में उस लिंक पर दाया क्लिक (Right Click) करें और Save Target As का विकल्प चुनें।

यूट्यूब पर बहुत से वीडियो ट्यूटोरियल भी उपलब्ध हैं। मीनाक्षी धनवंतरि के सुपुत्र वरूण ने हमारे लिए निम्न दो वीडियो खोज भेजा है।

Audacity Tutorial: Part I


Audacity Tutorial: Part II


इससे जुड़ा कोई सवाल हो या ऑडेसिटी इस्तेमाल करने में कोई परेशानी आवें तो लिखें।

बृहद ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।

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